कल रात इसराइल के एक चैनल पर कनाडा मूल की यहूदी 74 साल की महिला विवियन सिल्वर की कहानी देखी
मैं आपको क्या बताऊं इस महिला ने अपना पूरा जीवन फिलिस्तीन के मुसलमान को दे दिया यह गाजा में दो बड़े निशुल्क हॉस्पिटल चलती थी 200 एंबुलेंस का एक फ्लीट मुफ्त में गांजा वालों के लिए चलती थी इसे पूरी दुनिया से सैकड़ो शांति पुरस्कार मिले दो बार यह महिला नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुई और यह हमेशा इसराइल सरकार की सबसे बड़ी विरोधी थी
यहूदी होते हुए भी हर एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसने इसराइल के सरकार को और इजरायल की सेना को दरिंदा कहा अत्याचार करने वाला कहा यह पूरी दुनिया से डोनेशन लाकर फिलिस्तीन वालों पर गाजा वालों पर खर्च करती थी
अब पता यह चला कि हमास वाले इसे भी उठा ले गए और बोले तुम डरो मत हम बड़े ईमान वाले हैं और आज सुबह खबर आई हमास वालों ने इसके शरीर के आठ टुकड़े करके एक सुरंग में फेंक दिया जिसे इजरायल की सेना ने बरामद किया
अब इसराइल वाले भी इसका हाल देखकर सो रहे होंगे की सपोले को दूध पिलाने की कीमत इसने चुका दिया
तीन दिन पहले इसका बेटा बीबीसी पर रो रहा था कि मैं अपनी मम्मी के बारे में किसी खबर मिलने का इंतजार कर रहा हूं वह चाहे अच्छी खबर हो या बुरी खबर हो और जब उसे बुरी खबर मिली तब रोते हुए कह रहा है कि मेरी मम्मी ने गांधी दर्शन की किताब पढ़ी थी तब से वह अपने रास्ते से भटक गई और अंत में उनका यह हाल हुआ