-मुख्यमंत्री ने की राज्य सरकार के खर्चे पर ईआरसीपी को पूरा करवाने की घोषणा
ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस घेरेगी भाजपा को
-कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने बारां में दिखाई यात्रा को हरी झंडी
-13 जिलों की 83 विधानसभाओं में पहुंचेगी यात्रा, प्रियंका गांधी भी 20 को आएंगी
जयपुर, 16 अक्टूबर (विसं) : पूर्व सीएम वसुंधरा राजे द्वारा शुरू की गई ईआरसीपी योजना को कांग्रेस इस चुनाव में सियासी मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने की रणनीति में जुट गई है। योजना को लेकर कांग्रेस पूरी तरह आक्रामक तरीके से बीजेपी पर तीखे प्रहार कर रही है। इसी को लेकर सोमवार को बारां से ईआरसीपी यात्रा शुरू की गई। यह यात्रा 13 जिलों की 83 विधानसभा पहुंचकर बीजेपी की वादाखिलाफी की कहानी बयां करेगी। सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस यात्रा को हरी झंडी दिखाई। वहीं 20 अक्टूबर को दौसा के सिकराय में प्रियंका गांधी वाड्रा भी यात्रा में शामिल होंगी और एक जनसभा को संबोधित करेंगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के खर्चे पर ईआरसीपी को पूरा करवाने की घोषणा की है। बजट में पहले नौ हजार करोड़ की घोषणा के बाद पांच हजार करोड़ की और घोषणा की है। गहलोत अपने हर भाषण में ईआरसीपी का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करते हैं। अब ईआरसीपी पर यात्रा निकालकर कांग्रेस विधानसभा चुनावों में बीजेपी को बैकफुट पर लाने के प्रयास में हैं। पूर्वी राजस्थान में लंबे समय से कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने में लगी हुई है। ईआरसीपी के मुद्दे पर कांग्रेस को कितना फायदा होता है यह तो वोटिंग पैटर्न से पता लगेगा, लेकिन विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अब कांग्रेस केंद्र सरकार और बीजेपी पर तल्ख हमले की रणनीति पर काम कर रही है। इसको लेकर रविवार को हर जिले में मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं ने मटके फोडक़र बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की थी। सचिन पायलट सेना में कैप्टन से मेजर बनने का एग्जाम देने के लिए दिल्ली थे।
सचिन पायलट की गैरहाजरी के मायने
13 जिलों की 83 विधानसभाओं में कांग्रेस की ईआरसीपी यात्रा पहुंचेगी और इन सभी एरिया में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की मजबूत पकड़ है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 2018 में इस एरिया से कांग्रेस को बहुमत दिलाने वाले पायलट इस बार नजर क्यों नहीं आ रहे। साथ ही यह भी बड़ा सवाल है कि यदि पायलट इस यात्रा में गैरहाजिर रहे तो फिर इसकी सफलता में भी काफी संदेह रहेगा। अभी तक पायलट की भूमिका को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। हालांकि यह साफ है कि यदि पायलट इसकी अगुवाई करते तो निश्चित रूप से कांग्रेस इस बार भी 2018 के समान प्रदर्शन कर बीजेपी को बेकफुट पर ला सकती थी।
13 जिलों में सभा करेगी कांग्रेस
अभियान के तहत सप्ताह भर में 13 जिलों में सभाएं होंगी। इन सभाओं में सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरकर नया सियासी नरेटिव बनाने का प्रयास कर रही है।
13 जिलों में ईआरसीपी का असर
ईआरसीपी से 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। 40 हजार करोड़ से ज्यादा के इस प्रोजेक्ट में बांध बनने के अलावा नहरें और पेयजल प्रोजेक्ट बनेंगे। ईआरसीपी वाले जिलों में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ शामिल हैं। कांग्रेस ने ईआरसीपी को चुनावी मुद्दा बना लिया है। इसी रणनीति के तहत अब यात्रा निकाल रही है।
2023-10-16