विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की अगली सूची आने से पहले दिग्गज नेताओं ने एक बार फिर शनिवार को सीएम हाउस पर मंथन किया। तीन बातों पर रणनीति तय की गई। पहला- जिनके टिकट कटने हैं, उनके नाम को अंतिम रूप दिया गया। दूसरा- टिकट काटने और टिकट देने के बाद असंतोष थामने के लिए रणनीति बनी। तीसरा- दलबदल नेताओं को लेकर रणनीति तय की गई। घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा हुई। सियासी मंथन के बाद नेताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर भारत के क्रिकेट मैच जीतने का जश्न मनाया।
बैठक में सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे। करीब 3 घंटे तक मंथन के बाद तय किया गया कि तोमर को ग्वालियर-चंबल में अपनी सीट पर काम करने के अलावा टिकट काटने वाले इलाकों के असंतुष्ट नेताओं को भी संभालना होगा। कैलाश को इंदौर-मालवा का असंतोष देखना होगा। यह दोनों नेता चुनाव भी लड़ रहे हैं, इसलिए उनकी मुश्किलें ज्यादा है। अन्य नेता भी अलग-अलग क्षेत्र में कार्यकर्ताओं, दावेदारों के असंतोष को थामने के लिए काम करेंगे।
बड़ी संख्या में कटेंगे टिकट, इसलिए जरूरत ज्यादा
सूत्रों के मुताबिक जिनके टिकट कटने की संभावना है, उनसे टिकट के तुरंत बाद बात करना तय किया गया। सिंधिया खेमे के जो टिकट कटेंगे, उसमें केंद्रीय मंत्री सिंधिया ही डैमेज कंट्रोल करेंगे। हालांकि टिकट कटने को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शीर्ष नेतृत्व ही अंतिम फैसला करेगा। बैठक में दलबदल को लेकर खास चर्चा हुई। भाजपा को जिन नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने का अंदेशा है, उनके वैकल्पिक इंतजाम व डैमेज कंट्रोल को लेकर चर्चा की गई है। भाजपा में जिनके आने की संभावना है, उनके नाम को लेकर विचार किया गया। दो-तीन दिन में कुछ और नेता आ-जा सकते हैं।