जयपुर, 14 अक्टूबर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त नरेश मीणा को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त का पीडिता के साथ संबंध बनाना साबित है। वहीं यदि इसमें पीडिता की सहमति भी है तो भी वह अपराध की श्रेणी में ही माना जाएगा। क्योंकि कानून की नजर में नाबालिग की सहमति कोई महत्व नहीं रखती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीडिता के परिजनों ने 20 जून, 2022 को सांगानेर सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया कि बीती रात पीडिता अपने परिजनों के साथ सो रही थी। देर रात करीब दो बजे देखने पर वह बिस्तर से गायब मिली। इस पर परिजनों ने उसे आसपास तलाश किया, लेकिन उसका पता नहीं चला। रिपोर्ट में अभियुक्त नरेश मीणा पर शक जताते हुए कहा गया कि घर आता-जाता था। ऐसे में वह पीडिता को बहला फुसला कर अपने साथ ले जा सकता है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 13 जुलाई को अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीडिता को बरामद किया। पुलिस जांच में पता चला कि अभियुक्त नरेश पीडिता को अपने साथ गाजियाबाद ले गया था और आर्य समाज में शादी कर दोनों दिल्ली में किराए के कमरे में पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि अभियुक्त ने पीडिता का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर हाईकोर्ट से सुरक्षा भी प्राप्त कर ली थी। इसकी जानकारी मिलने पर सांगानेर थाने में उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
2023-10-14