-दो केंद्रीय मंत्री-सांसद के साथ यूथ-महिलाओं पर दांव
-शीर्ष नेतृत्व के करीबी यदि दोनों मंत्री चुनावी मैदान में उतरे तो फिर आने वाले समय में प्रदेश की कमान संभालते आ सकते हैं नजर
-बीजेपी नेता के नाम-कद के बजाए धरातल पर सक्रिय को प्राथमिकता
जयपुर, 14 अक्टूबर : बीजेपी की रविवार को दिल्ली में सीईसी की अहम बैठक होने जा रही है और इसकी अध्यक्षता खुद पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। प्रदेश संगठन द्वारा 55-65 विधानसभा के संभावित प्रत्याशियों के पैनल की सूची दिल्ली भेजी गई है। इसके अलावा पहली सूची के भी करीब 20-25 नाम सीईसी के पास हैं। इस हिसाब से आज की बैठक में करीब 80-90 नामों पर डिस्कसन किया जाएगा। इसमें दो केंद्रीय मंत्री-सांसद के साथ ही यूथ व महिलाओं को प्राथमिकता देने की अटकलें लगाईं जा रहीं हैं। साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि केंद्रीय मंत्री चुनावी मैदान में कूदे तो फिर आने वाले समय में प्रदेश की कमान भी यही संभालते नजर आ सकते हैं। हालांकि फिलहाल पार्टी का पहला फोकस चुनाव में फतह है और इसके लिए पार्टी 125 से 135 सीटों पर टारगेट करते हुए आगे बढ़ रही है।
काफी समय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के चुनाव लडऩे की चर्चाएं चल रहीं हैं, लेकिन वह इससे इंकार करते नजर आ रहे थे। हालांकि अब सूत्र बताते हैं कि शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें मना लिया है, लेकिन संभवत: शायद ही उन्हें सीएम अशोक गहलोत के सामने उतारा जाएगा। हालांकि उनके जोधपुर, सरदारपुरा, सूरसागर से चुनाव लडऩे की अटकलें लगाईं जा रही हैं। इसके पीछे संगठन की सोच है कि सीएम गहलोत को उनके गृह जिले में ही घेरा जाए, ताकि वह प्रदेश की दूसरी सीटों पर अधिक प्रचार-प्रसार करने नहीं जा पाएं। इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी के नाम की भी चर्चाएं चल रहीं हैं। शेखावत व मेघवाल दोनों ही शीर्ष नेतृत्व की पसंद हैं और यदि सब कुछ उनके हिसाब से हुआ तो चुनाव परिणाम बाद इनमें से ही किसी एक को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। शीर्ष नेतृत्व की यह भी सोच है कि इनको फिलहाल पूरे प्रदेश में सक्रिय रखा जाए और चुनाव ना लड़ाया जाए। इससे सीएम फेस को लेकर सस्पेंस का माहौल बना रहेगा और गुटबाजी सिर नहीं उठाएगी। साथ ही पूरी टीम एकजुट होकर चुनाव में जुटी रहेगी। दूसरी ओर संगठन ने दूसरी लिस्ट का खाका बनाकर उसे दिल्ली भेज दिया है और उसे रविवार को वहां से आकार दिया जा सकता है। पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, चंद्रशेखर, वसुंधरा राजे सहित कई दिज्गज इस मीटिंग में मौजूद रहेंगे। हालांकि लिस्ट पर अब सिर्फ मोदी-शाह-नड्डा को ही अंतिम निर्णय करना है।
पहली लिस्ट से डबल होगी दूसरी लिस्ट :
सूत्रों की माने तो बीजेपी की पहली लिस्ट 41 प्रत्याशियों की थी, लेकिन दूसरी लिस्ट इससे डबल होने का अनुमान जताया जा रहा है। इस लिस्ट को संभवत: मीटिंग पश्चात या फिर इसके अगले दिन जारी करने की जानकारी सामने आ रही है। लिस्ट जारी होने के बाद बगावत ना हो इसको लेकर भी रणनीति बनाई गई है।
संगठन की लिस्ट पर लगेगी मुहर :
संगठन द्वारा बनाई गई पहली लिस्ट पर ही शीर्ष नेतृत्व ने भरोसा जताया था और सब कुछ सही रहा तो इस बार भी संगठन पर ही शीर्ष नेतृत्व विश्वास कर उनकी लिस्ट पर ही अपनी मुहर लगाएगा। इस बार शीर्ष नेतृत्व संघ, संगठन के साथ ही गुडगांव बेस एक कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रत्याशियों के चेहरे पर मुहर लगा रहा है। कंपनी की रिपोर्टिंग सीधे दिल्ली में है और इस समय संगठन व कंपनी की रिपोर्ट काफी मैच होती नजर आ रही है। प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने इस बार पूरे चुनाव की कमान थाम रखी है और किसी को भी पार्टी पर हावी नहीं होने दे रहे हैं। इसी के चलते इस बार बीजेपी नेता लामबंदी कर अपने समर्थकों के लिए प्रेशर नहीं बना पा रहे हैं।
जीतने वाली सीटें एवं बड़े चेहरों पर लग सकती है मुहर :
सूत्रों की माने तो बीजेपी की इस दूसरी लिस्ट में ए ग्रेड यानि लगातार जीतने वाली एवं बीजेपी के बड़े चेहरों वाली सीटों का एलान हो सकता है। इस लिस्ट में बीजेपी महिला एवं यूथ को अधिक संख्या में वोट दे सकती है। साथ ही कई विधायकों की टिकट इस बार भी कटती नजर आएगी। बीजेपी इस बार प्रत्याशी के नाम-कद के बजाए धरातल पर उसकी सक्रियता को देख रही है और यही कारण रहा कि जयपुर में दो नामी-गिरामी प्रत्याशियों की टिकट पर कैंची चलाई गई।