बागियों की मनुहार का दौर शुरू, भाजपा आश्वस्त ऑल इज वेल

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नगर व वैर से बीजेपी महिला नेत्री ने निर्दलीय चुनाव लडऩे के दिए संकेत
-टिकट कटने वालों को आश्वासन एवं प्रलोभन देकर मनाने की कोशिशें हुईं तेज,
-संगठन का साफ निर्देश जिसे टिकट दी अब उसे जिताने की जिम्मेदारी सभी की

-नहीं माने तो फिर चलेगा अनुशासन का डंडा, नेता प्रतिपक्ष पहुंचे टोंक तो संगठन महामंत्री झुंझुनूं

जयपुर, 11 अक्टूबर (विशेष संवाददाता) : भाजपा की पहली 41 प्रत्याशियों की सूची में नाम नहीं होने से कई नेताओं का सब्र जवाब दे गया और वह बगावत पर उतारू हो गए हैं। विरोध-प्रदर्शन के साथ ही क्षेत्र में विरोध करने का दौर जारी है। बीजेपी में टिकट को लेकर मची रार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल को बीजेपी ने सांचौर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। बुधवार को सांसद की गाड़ी एवं उनके काफिले पर कुछ लोगों ने हमला किया। सांसद दीया कुमारी के खिलाफ शब्दबाण से हमला करने वाले विधायक नरपत सिंह राजवी के सुर अब नरम पड़ गए हैं और उन्होंने यू टर्न ले लिया है। संगठन से मान-मनुहार के साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि समझ जाओ और पार्टी हित में गाइड लाइन के अनुसार काम करो, वरना इसके बाद अनुशासन का डंडा चलेगा। इसके चलते भी कईयों ने मौन साध लिया है।

पार्टी की पहली लिस्ट में सबसे अधिक विरोध सांसदों को टिकट देने से हो रहा है। संगठन की तो यह भी सोच है कि कुछ अपने भी इसको हवा देने में लगे हैं। झोटवाड़ा में सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का भी जमकर विरोध राजे समर्थित पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत कर रहे हैं। संगठन की माने तो उसकी सोच है कि इस विरोध को यदि पॉजिटिव नजर से देखे तो हर किसी को इस बार पूरे प्रदेश में कमल खिलता दिख रहा है और इसी के चलते हर कोई टिकट के लिए लालायित है। हालांकि सब कुछ सामान्य हो जाएगा और जो नहीं मानेंगे उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर संगठन ने अब दूसरी लिस्ट आने से पहले ही उसका विरोध करने वालों को चिन्हित करने का काम भी शुरू कर दिया है। इनको अभी से मनाने के साथ प्रलोभन देकर चुप कराने की कोशिश शुरू कर दी गई है, ताकि लिस्ट आने पर कोई अधिक विवाद नहीं करें। साथ ही संगठन ने पार्टी के उन नेताओं को भी नसीहत दी है जो बागियों को बढ़ावा दे रहे हैं।

चित्तौडग़ढ़ विधायक व जयपुर शहर की 6 सीटों में बदलाव संभव
चित्तौडग़ढ़ में दो बार के विधायक चंद्रभान सिंह और जयपुर शहर की 6 विधानसभा सीटों पर भी प्रत्याशी बदलने की अटकलें चल रहीं हैं। यह सभी अपने आकाओं के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने पहले ही कह दिया है कि अपने अलावा समर्थकों की टिकट व लामबंदी करने की कोशिश ना करें। सीपी जोशी चित्तौडग़ढ़ में इस बार किसी ओर पर दांव लगाने की सोच रहे हैं। वहीं शहर में 6 विधानसभाओं के नेताओं की नींद भी उड़ी हुई है। हालांकि पार्टी का कहना है कि किसी का कितना भी कद हो, लेकिन इस बार जिताऊ प्रत्याशी को ही टिकट देंगे।

राजवी के सुर पड़े नरम
एक दिन पहले विधायक राजवी ने सांसद दीया कुमारी के परिवार पर वीडियो बयान व इंटरव्यू देकर हमला किया तो अगले दिन उनके सुर नरम पड़ गए। बाकायदा उनके निजी सचिव मनीष कुमार ने लेटर हेड पर स्पष्टीकरण दिया कि राजवी ने कोई बयान, इंटरव्यू नहीं दिया। वह इस समय अपने ससुर एवं देश के पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोसिंह शेखावत की 23 अक्टूबर के जन्म शताब्दी दिवस की तैयारियों में बिजी हैं।

दो ब्राह्मणों का मंथन
मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के आवास पर पहुंचे और लंबी मंत्रणा की। दो ब्राह्मणों के बीच की मंत्रणा के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। चतुर्वेदी सिविल लाइन से टिकट मांग रहे हैं और संभवत: पार्टी किसी ओर पर दांव लगाना चाहती है। इसके चलते संभवत: उन्हें लोकसभा चुनाव या कुछ ओर प्रलोभन के जरिए मनाने की अटकलें लगाईं जा रही हैं। वहीं राजपाल सिंह शेखावत या राजवी को चुनावी टिकट व सांगानेर व मालवीय नगर से प्रत्याशी बदलने की दृष्टि से भी देखा जा रहा है।

राजपाल से संपर्क साधा, लेकिन टिकट कटने के डर से सामने नहीं आए
संगठन की धमक इसे ही कहते हैं कि राजपाल सिंह शेखावत का टिकट कटने के बाद उसके कई समर्थक सडक़ पर उतर गए, लेकिन डिप्टी मेयर पुनीत कर्नावट व राखी राठौड़ ने उनसे फोन पर बातचीत तो की, लेकिन धरना-प्रदर्शन से दूर रहे। कारण यह भी है कि टिकट की लाइन में हैं। ऐसे में सामने आते तो संगठन इनकी टिकट पर भी कैंची चला सकता है। बावजूद इसके आगे कुछ भी हो सकता है।

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