इस्राइल पर आतंकी संगठन हमास के हमले से दुनियाभर में हलचल मच गई है। जहां पश्चिमी देशों ने हमास के हमले को लेकर इस्राइल का समर्थन किया है, तो वहीं पश्चिमी एशिया के इस्लामिक देश फलस्तीन के समर्थन में साथ खड़े हैं। इस बीच इस्राइल में इन दर्दनाक हमलों में अब तक करीब 900 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, इस्राइल की ओर से गाजा पट्टी पर किए गए पलटवार में 690 की जान जाने की बात सामने आई है। इन हालात के बीच हमास ने धमकी दी है कि अगर गाजा पट्टी पर हमले नहीं रुकते हैं तो वह इस्राइली बंधकों की हत्या कर देगा। अश्कलोन की एक
अश्कलोन की एक इस्राइली महिला ने सुनाई आपबीती
अश्कलोन की एक इस्राइली महिला गैलाया ने कहा कि मेरे बच्चे और परिवार यहां एक होटल में शरण लिए हुए हैं, क्योंकि रॉकेट हमारे पड़ोसी के घर की छत पर गिरे, हमारी खिड़कियां टूट गईं। एक सप्ताह से हम यहां रह रहे हैं। पता नहीं यह जगह सुरक्षित है या नहीं। हमें एक नई जगह चाहिए। मैं अपने प्रधानमंत्री से कहना चाहती हूं कि इस आतंकवाद को जल्द से जल्द खत्म करें।
फलस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक मिशन ने की यह अपील
संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक मिशन ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखा कि बढ़ती मौत की संख्या और विनाश का पैमाना एक अंतरराष्ट्रीय संदेश की मांग करता है। इससे सबसे पहले रक्तपात को रोकने और नागरिक जीवन को बचाने का आह्वान किया जाए। नागरिकों को लक्ष्य बनाकर की जा रही हिंसा तुरंत रोकी जानी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और मानवाधिकार कानून का सभी को सम्मान करना चाहिए।
भारत के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया
अश्कलोन (इस्राइल) में भारतीय मूल की एक महिला इलाना नागाउकर ने भारत के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन करने के लिए हम पीएम मोदी के आभारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि कल यहां एक मिसाइल हमला हुआ, वाहनों में आग लग गई और इन सभी इमारतों में बिजली गुल हो गई। हमें लगता है कि हम खतरे में हैं, लेकिन हमें विश्वास है सेना पर। यह हमारा घर है और हम कहीं नहीं जा सकते। हम यहां शांति से रहना चाहते हैं।
चेतावनी के कुछ
चेतावनी के कुछ घंटों बाद हमास ने अश्कलोन में रॉकेटों की बौछार की
चेतावनी जारी करने के कुछ घंटों बाद आतंकवादी समूह हमास ने मंगलवार को इस्राइल के दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन पर रॉकेट हमला किया। जैसे ही तटीय शहर पर रॉकेटों की बौछार हुई, शहर और आसपास के अन्य शहरों में सायरन बजने लगे।