-निर्वाचन आयोग के पास राजनैतिक दलों से लेकर तमाम संगठन एवं व्यापारिक संस्थाओं ने मतदान की तिथि बदलने को लेकर पहुंचाई अपनी बात
-अकेले जयपुर में 80 हजार से 1 लाख शादियां
जयपुर, 9 अक्टूबर (विशेष संवाददाता) : निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 23 नवंबर को वोटिंग की डेट तय की है। इस दिन देवउठनी एकादशी का अबूझ सावा (मुहुर्त) होने के चलते शादी समारोह व मांगलिक कार्यों की धूम रहेगी। बताया जाता है कि अकेले जयपुर शहर में इस दिन 80 हजार से 1 लाख शादियां होंगी। ग्रामीण एरिया में भी इस दिन बड़ी संख्या में शादी-समारोह होंगे। इसके चलते वोटिंग प्रतिशत कम रहने की संभावनाएं अभी से बनने लगी हैं। दूसरी ओर व्यापारी वर्ग को व्यापार में चपत लगेगी, वहीं आम लोगों के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसी के चलते राजनैतिक दलों के साथ ही तमाम व्यापारी संगठनों ने इसको लेकर निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी आवाज पहुंचाई है।
देवउठनी एकादशी के चलते प्रदेश में जिस प्रकार से शादियों व समारोह की धूम रहेगी उससे प्रशासन व चुनाव आयोग को भी खासी समस्याओं से जूझना पड़ेगा। चुनाव आयोग पोलिंग पार्टियों और सुरक्षा बलों के लिए वाहन अधिग्रहित करता है और शादियों में बारात ले जाने के लिए वाहनों की जरूरत होती है। ऐसे में प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौतियां होंगी। देवउठनी एकादशी के दिन ही-करोड़ों का व्यापार होना है और आम लोगों का कामकाज भी इससे जुड़ा हुआ है। वहीं शादी-समारोह करवाने वाले लोगों के साथ ही व्यापारी व कामकाजी वर्ग भी अपने काम में व्यस्त रहेगा। बड़ी संख्या में लोग भी पारिवारिक शादियों में बाहर रहेंगे और इसका असर वोटिंग प्रतिशत पर भी पड़ेगा। इसी के चलते तमाम राजनैतिक पार्टियों के नेता इसको लेकर निर्वाचन आयोग से वोटिंग का दिन 23 नवंबर से बदलने की मांग करने लगे हैं।
कई नेताओं ने चुनाव आयोग तक अपनी बात भी पहुंचा दी है और अधिकारियों ने इस मामले में निर्वाचन आयोग से डिस्कसन की बात कही है। सूत्रों की माने तो लोकतंत्र के इस उत्सव में सभी अपनी आहूति दे सकें इसको लेकर निर्वाचन आयोग भी गंभीरता से विचार करेगा, ऐसे में वोटिंग की तारीख 30 नवंबर हो सकती है।