सिक्किम में शहीद हुए सीकर-करौली के जवान पंचतत्व में विलीन

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-शहीद शिवकेश के तीन साल के बेटे ने दी मुखाग्नि,
– सज्जन सिंह की पार्थिव देह के नीचे की मिट्टी को पिता ने माथे से लगाया
सीकर/ करौली, 8 अक्टूबर (ब्यूरो):
सिक्किम में बादल फटने की घटना में शहीद हुए सीकर के जवान सज्जन सिंह खीचड़ और करौली के शिवकेश गुर्जर (24) का रविवार को सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। सज्जन सिंह को उनके बड़े बेटे मनीष ने मुखाग्नि दी। शहीद शिवकेश को उसके तीन साल के बेटे रुद्र ने मुखाग्नि दी।
सज्जन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले मंडा मोड़ से पैतृक गांव माजीपुरा तक 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं, शिवकेश की अंत्येष्टि से पहले करौली में नादौती के रलावता खेड़ला गांव के मुख्य गेट से एक किलोमीटर तक बाइक रैली निकाली गई।

दरअसल, 3 अक्टूबर को सिक्किम में बादल फटने के बाद बाढ़ आ गई थी। पानी के तेज बहाव में राजस्थान के ये दोनों जवान भी बह गए थे। शहीद सज्जन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले पार्थिव देह के पास खड़े उनके पिता सुखदेव सिंह ने पार्थिव देह के नीचे जमीन से मिट्टी उठाकर अपने माथे पर लगाई।
2001 में 18 महार रेजिमेंट में भर्ती हुए थे
सज्जन सिंह सीकर में पलसाना के माजीपुरा गांव के रहने वाले थे। वे 2001 में 18 महार रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। वर्तमान में अपनी यूनिट के साथ बारदांग में तैनात थे। सज्जन सिंह ड्राइवर थे, जो आयुध लेकर जा रहे थे। इसी दौरान सीवी ग्राउंड पर बादल फ टने से आए पानी के तेज बहाव में बह गए।
साढ़े तीन महीने पहले छुट्टियों में गांव आए थे
सज्जन सिंह करीब साढ़े तीन महीने पहले छुट्टियों में अपने गांव आकर गए थे। इस दौरान वे एक माह गांव में रुके। सज्जन के पिता सुखदेव किसान हैं। मां गृहिणी हैं। सज्जन के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा मनीष नर्सिंग ऑफि सर की तैयारी कर रहा है। छोटा बेटा मनोज नीट की तैयारी कर रहा है। हादसे के एक दिन पहले सज्जन ने अपने घर वालों से वीडियो कॉल पर बातचीत भी की थी।

शिवकेश अमर रहे के नारों से गूंजा पैतृक गांव
करौली के नादौती के रलावता खेड़ला गांव के जवान शिवकेश गुर्जर की पार्थिव देह रविवार सुबह 11:45 बजे गांव पहुंची। इसके बाद पैतृक गांव रलावता खेड़ला में उन्हीं के खेत में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान शिवकेश अमर रहे का नारा गूंजता रहा।
शहीद शिवकेश की पत्नी कृष्णा देवी समेत अन्य परिजनों ने उन्हें पुष्पांजलि दी। शिवकेश के पिता हवलदार लेखराज गुर्जर पूर्व सैनिक हैं। छोटा भाई अजीत भी सेना में जाने की तैयारी में जुटा हुआ है। शिवकेश के तीन बहनें हैं। सभी की शादी हो चुकी है।

600 किलोमीटर दूर मिला था शव
शिवकेश 2018 में सेना की 420 आर्मी मेडिकल कोर एएमसी लखनऊ में भर्ती हुए थे। मंगलवार रात परिजनों से उनकी फ ोन पर बात हुई थी। शहीद के चचेरे भाई रमेश्चंद गुर्जर ने बताया कि 3 अक्टूबर की रात को बादल फटने से अचानक आए पानी के तेज बहाव में सेना की गाड़ी में बैठे शिवकेश समेत अन्य जवान बह गए थे। शिवकेश का शव सिक्किम से करीब 600 किलोमीटर दूर बांग्लादेश की सीमा में बंगाल की खाड़ी के पास मिला।
वही, सिक्किम में शहीद हुए राजस्थान का जवान भवानी सिंह का शनिवार शाम 6:15 बजे उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान अलवर जिले में बहरोड़ कस्बे के गांव बर्डोद में भवानी सिंह अमर रहें और वंदेमातरम के नारे गूंजते रहे।

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