जयपुर, 5 अक्टूबर। राजस्थान हाईकोर्ट में मानसरोवर इलाके में अवैध निर्माण से जुडे मामले में अदालती आदेश की पांच माह में भी पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही अदालत ने जेडीए आयुक्त को 19 अक्टूबर को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि गत आठ मई को दिए आदेश की पालना अब तक क्यों नहीं की गई। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि आगामी सुनवाई तक आदेश की पालना कर ली जाती है तो जेडीए आयुक्त को अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं है। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश मनमोहन नागपाल की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने बताया कि अदालत ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत आठ मई को जेडीए को निर्देश दिए थे कि वह याचिकाकर्ता के मकान व अप्रार्थी के मकान का निरीक्षण करे और यदि वहां पर भवन निर्माण के प्रावधानों का कोई उल्लंघन होना पाया जाए तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जाए। अवमानना याचिका में कहा गया कि जेडीए ने अभी तक आदेश की पालना नहीं की है। जबकि याचिकाकर्ता ने जेडीए आयुक्त सहित जेडीए के अन्य अफसरों को भी आदेश की पालना करवाने के लिए सूचित कर दिया था। ऐसे में जेडीए के अधिकारी जानबूझकर अदालती आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए आदेश की पालना कराई जाए और दोषी अफसरो को अदालती आदेश की अवमानना के लिए दंडित किया जाए।
जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 19 अक्टूबर तक आदेश की पालना नहीं होने पर जेडीसी को पेश होने के आदेश दिए हैं। इसी तरह अदालत ने जीएनएम भर्ती-2013 को लेकर बोनस अंकों से जुडे मामले में दिए गए आदेश की एक सप्ताह में पालना नहीं होने पर एसीएस, स्वास्थ्य को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।