पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन की आज फिर बैठक ,अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होगा फैसला

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हड़ताल को लेकर दो फाड़ : कांग्रेस नेताओं के पेट्रोल पंपों पर स्ट्राइक नहीं!

जयपुर, 2 अक्टूबर (ब्यूरो) : प्रदेश में पेट्रोल पंप हड़ताल को लेकर गतिरोध की खबरें भी सामने आने लगी है। बताया जा रहा है कि वे कांग्रेसी नेता जिनके खुद के पेट्रोल पंप है उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में हड़ताल से दूरी बनाने का मन बना लिया है। यही कारण है कि अभी तक की सांकेतिक हड़ताल में कई पेट्रोल पंप डीलर्स हड़ताल से दूर रहे हैं। स्ट्राइक से बाहर रहने वाले डीलर्स कहीं न कहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस से जुड़े हुए है, लिहाजा इन पर पार्टी लाइन से बाहर न निकलने का दबाव है। उधर, मंगलवार को राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एक बैठक बुलाई है जिसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि अभी तक के आंदोलन और स्ट्राइक में सीकर, दौसा, टोंक, करौली, धौलपुर, भीलवाड़ा, अलवर और बाड़मेर जिलों में पेट्रोल पंप की हड़ताल का कम ही असर देखा गया। बताया जा रहा है कि अलवर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष खुद अलवर जिला कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी है। उन्होंने पहले ही दिन से हड़ताल में शामिल होने पर असमर्थता जता दी थी। यही हाल भीलवाड़ा का है। एक स्थानीय कद्दावर कांग्रेसी नेता के जिले में तीन पेट्रोल पंप है। उनके पिता भी बड़े नेता रहे हैं, लिहाजा वहां भी हड़ताल का असर कम देखा गया। इसके अलावा अन्य कुछ जिलों में भी यही कहानी सामने आई है।
श्रीगंगानगर में पंजाब के मुकाबले पेट्रोल 15 रुपए महंगा है, जिससे डीलर्स को काफी नुकसान हो रहा है। यही कारण है कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में हड़ताल का असर अधिक है।

पहले की वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला
गौरतलब है कि एसोसिएशन की ओर से वैट कम करने की मांगें पिछले करीब 4 सालों से की जा रही है। इसके चलते 13 और 14 सितंबर को दो दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई। 15 सितंबर को ही सरकार से बातचीत के दौरान वैट समेत कई मांगों पर 10 दिनों में समाधान की बात कही गई थी। बातचीत के 13 दिन बाद भी किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकला। केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस पूरे मामले के लिए केन्द्र सरकार को दोषी ठहरा चुके हैं।
इनका कहना है
जो डीलर्स राजनैतिक दलों से जुड़े हुए हैं उनका हड़ताल के प्रति अलग रुख हो सकता है। अलवर, भीलवाड़ा और जोधपुर जिलों के पेट्रोल पंप मालिक सत्तारूढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ता या नेता है अथवा उनकी पृष्ठभूमि कांग्रेसी रही है। यह उनकी इच्छा है कि वो हमारे प्रोटेस्ट में शामिल होंगेे या नहीं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारा संगठन कमजोर हुआ है। हमारी मांगें यथावत है। डीजल और पेट्रोल पर पर बढ़े हुए वैट पर सरकार ने 10 दिन में समाधान करने के लिए कहा था। 15 दिन बाद भी समाधान नहीं निकला। अब मंगलवार को फिर बैठक बुलाई है जिसमें अनिश्चिकालीन हड़ताल पर फैसला लिया जाएगा।
-राजेन्द्र सिंह भाटी, अध्यक्ष, राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन।

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