टिकट को लेकर भाजपा में घमासान, तय 65 में से 40 का ही होगा ऐलान

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-पीएम के जोधपुर दौरे या श्राद्धपक्ष के बाद आ सकती है पहली लिस्ट
जयपुर, 3 अक्टूबर : बीजेपी ने एमपी व छत्तीसगढ़ में बड़ी आसानी से टिकटों का ऐलान कर दिया, लेकिन राजस्थान में इसको लेकर घमासान मचा हुआ है। दिल्ली में दो दिन की मैराथन बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव समिति ने 65 नामों पर अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि गुटबाजी एवं बागियों से निपटने की कवायद के चलते छोटी-छोटी लिस्ट जारी करने की जानकारी सामने आ रही है। इसके चलते बीजेपी की पहली लिस्ट में करीब 40 प्रत्याशियों के नाम हो सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के 5 अक्टूबर को जोधपुर दौरे के बाद या फिर श्राद्धपक्ष के बाद बीजेपी की पहली लिस्ट आने की अटकलें लगाईं जा रहीं हैं। दिल्ली में जिन 65 विधानसभाओं के प्रत्याशियों पर सहमति बनी उनमें पूरी तरह संगठन एवं संघ की रिपोर्ट को तवोज्जो दी गई है। नेताओं को दो टूक में नसीहत दी गई है कि वह खेमेबाजी व अपने समर्थकों की लामबंदी ना करें। जो मजबूत व जिताऊ होगा उसे ही टिकट दी जाएगी।
राजस्थान में कांग्रेस ने सितंबर के पहले सप्ताह में लिस्ट जारी करने का दावा किया था, लेकिन बीजेपी की रणनीति के चलते उसने भी लिस्ट जारी करने में अभी समय लेने का मन बनाया है। बीजेपी फूंक-फूंककर अपने कदम आगे बढ़ा रही है और टिकट को लेकर वह जल्दबाजी में भी नजर नहीं आ रही है। इसी के चलते पार्टी ने अलग-अलग पांच-छह सर्वे कराए, संघ ने अपने स्तर पर रिपोर्ट तैयार की। दूसरी ओर प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने खुद ही एक-एक सीट पर फीडबैक लिया। साथ ही कॉल सेंटर की मदद से निचले स्तर के वर्करों से भी वार्तालाप कर ग्रांउड रिपोर्ट ली। इसी के चलते प्रदेश की करीब 50 सीटों पर सिंगल नाम तो बाकी में दो से पांच नाम के पैनल बनाए गए हैं। दिल्ली की बात करें तो पहली लिस्ट के लिए 65 नामों पर मंथन किया गया। इनमें से करीब 15 सीटों पर दो से तीन नाम होने के चलते सहमति नहीं बन पा रही थी। इसके बाद संगठन व कई दूसरी रिपोर्ट, सर्वे आदि के माध्यम से सर्वसम्मिति बनाई गई। केंद्रीय चुनाव समिति ने 65 नाम पर अपनी मुहर लगा दी है लेकिन बताया जाता है कि इनमें से पहली लिस्ट में 40 नाम का ही ऐलान किया जाएगा।
गुटबाजी व बागियों से निपटने के लिए छोटी लिस्ट
दिल्ली में 65 नाम पर मुहर लग गई, लेकिन बताया जा रहा है कि एक साथ पहली लिस्ट में इतने नाम आने पर जिनके नाम कटेंगे वह गुटबाजी करेंगे और कई बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में जा सकते हैं। साथ ही इनके नेता भी इसे हवा देंगे और इनसे निपटने में पार्टी को खासी मशक्कत करना पड़ेगी। इसी के चलते अंत में तय हुआ कि पहली लिस्ट छोटी हो और इसकी संख्या करीब 40 हो सकती है। इससे गुटबाजी रोकने एवं बागियों को समझाने में अधिक दिक्कत नहीं होगी।
2018 के विधायकों पर लटकी तलवार
पार्टी सूत्रों की माने तो 2018 में जीतने वाले कई विधायकों पर टिकट कटने की तलवार लटकी हुई है। जिनकी टिकट कट सकती है उन पर पार्टी गाइड लाइन के विपरीत काम करने, पार्टी विशेष के लिए काम करने, पार्टी के प्रोग्राम, प्रदर्शन से दूरी बनाना, अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहने जैसे कई आरोप हैं और कुछ की उम्र 70 के आसपास है। इसके चलते पार्टी ने इन सभी के टिकट काटने का मन बना लिया है। इससे पार्टी व्यक्ति विशेष पर काम करने वाले नेताओं को सबक सीखाना भी चाहती है।
प्रदेश संगठन महामंत्री की रिपोर्ट ने खोली कईयों की पोल
बताया जाता है कि प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने प्रदेश की सभी 200 सीटों का खुद ही फीडबैक लिया। इसके लिए उन्होंने बूथ, पन्ना व पेज कमेटियों से ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की और जानकारी एकत्रित की। इसके बाद मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, संभाग प्रभारी, बाहरी विधायकों की रिपोर्ट, सर्वे रिपोर्ट आदि को क्रॉस टेली कर धरातल पर सक्रिय व जीतने वाले प्रत्याशियों की रिपोर्ट तैयार की। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट ने नेताओं की पोल खोल दी। कुछ नेता अपने समर्थकों के लिए लामबंदी कर रहे हैं, लेकिन उनके नाम चंद्रशेखर की लिस्ट से मेल नहीं खा रहे हैं। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से लेकर केंद्रीय चुनाव कमेटी में शामिल कई नेताओं ने इसको सराहा भी है। इससे साफ है कि प्रदेश में जो लिस्ट आएगी उसमें संगठन प्रदेशाध्यक्ष की रिपोर्ट का ही फीडबैक रहेगा।
तैयार रहें, टिकट जल्द : बीएल संतोष
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने सोमवार को पार्टी के कई विंग पदाधिकारियों की मीटिंग ली। सभी को कहा कि दो-तीन दिन में पहली लिस्ट जारी हो जाएगी और इसके चलते सभी तैयारी कर लें। विंग के कई पदाधिकारियों की तैनाती राजस्थान में किया जाना है और इसी को लेकर बीएल संतोष ने आज मीटिंग ली और कई जानकारी शेयर की।

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