31 साल बाद कुम्हेर कांड का फैसला, 9 को उम्रकैद

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41 बरी 32 आरोपियों की हो चुकी मौत, 16 दलितों की हत्या की थी

भरतपुर, 30 सितंबर (ब्यूरो): भरतपुर की एससी/एसटी कोर्ट ने कुम्हेर कांड में शनिवार को फैसला सुनाया। 31 साल पुराने मामले में कोर्ट ने 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वही 41 आरोपियों को बरी कर दिया। ट्रायल के दौरान 32 आरोपियों की मौत हो चुकी है। एक आरोपी अब तक फ रार है।

अधिवक्ता राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 6 जून 1992 में कुम्हेर इलाके में दो समाजों के लोगों के बीच आपसी कहासुनी हुई थी। झगड़े ने बड़ा रूप ले लिया था। इस झगड़े में 16 दलितों की हत्या कर दी गई थी। 40 से ज्यादा घायल हुए थे। मरने वाले 5 लोगों की शिनाख्त तक नहीं हो सकी थी। हत्याकांड की जांच पुलिस ने शुरू की थी। बाद में यह मामला सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। सीबीआई ने जांच करते हुए 83 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था। कोर्ट ने 283 लोगों के बयान लिए थे। उक्त प्रकरण में शनिवार को भरतपुर की एससी/एसटी कोर्ट ने 31 वर्ष बाद इस हत्याकांड में लक्खो, प्रेम सिंह, मान सिंह, राजवीर, प्रीतम, पारस जैन, चेतन, शिव सिंह और गोपाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वही मामले में 41 आरोपियों को बरी कर दिया। ट्रायल के दौरान 32 आरोपियों की मौत हो चुकी है। एक आरोपी अब भी फरार है।

कड़ी सुरक्षा में किया पेश
भरतपुर की एससी.एसटी कोर्ट में शनिवार को आरोपियों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया।न्यायालय द्वारा आरोपी लक्खो, प्रेम सिंह, मान सिंह, राजवीर, प्रीतम, पारस जैन, चेतन, शिव सिंह और गोपाल को आजीवन कारावास की सजा का फैसला आते ही जिन आरोपियों को सजा मिली, उनके परिजन रोने लग गए। वही मामले में बरी हुए बुजुर्ग मोती सिंह ने कहा कि मुझे कानून पर पूरा भरोसा था। मेरा इस मामले में कोई लेना-देना नहीं था। जब यह घटना हुई तो मैं मौके पर नहीं था। आरोपियों से जान पहचान होने के चलते लोगों ने जबरदस्ती नाम लिखवा दिया। फैसले में मैं आखिर बरी हो गया।

5 मृतकों की पहचान भी नहीं हो सकी थी
उल्लेखनीय है कि कुम्हेर कांड 1992 की गर्मियों में हुआ था। दो समाजों के बीच 1 जून को सिनेमाघर में टिकट को लेकर झगड़ा हुआ था। सिनेमा हॉल के अंदर ही झगड़ा हो गया था। इसके बाद एक पक्ष के लोगों ने 5 जून को पंचायत बुलाई थी और तय किया दूसरे पक्ष के लोगों को सबक सिखाएंगे। 6 जून को एकजुट हुए लोगों ने दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया था। 16 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 40 से ज्यादा घायल हुए थे। मरने वाले 5 लोगों की शिनाख्त तक नहीं हो सकी थी।

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