ऑनलाइन गेमिंग पर 1 अक्टूबर से लगेगा 28% GST
ऑनलाइन गेमिंग पर 28% गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) रविवार यानी 1 अक्टूबर से लगना शुरू हो जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि गेमिंग कंपनियों को इसके लिए प्रोसेस के तहत लीगल नोटिस भेज दिया गया है।
संजय अग्रवाल ने कहा है कि सभी राज्यों की विधानसभाएं GST संशोधन विधेयक 2023 को अपने यहां 30 सितंबर तक पास करा लें या अध्यादेश लाकर 1 अक्टूबर से लागू करें। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने के 6 महीने बाद रिजल्ट की समीक्षा की जाएगी।
GST काउंसिल ने जुलाई में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स-रेसिंग और कैसिनो पर 28% GST लगाने का ऐलान किया था। 2 अगस्त को 51वीं बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया गया था।
देश का ऑनलाइन गेमिंग बाजार कितना बड़ा है?
देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं। 2025 तक इस इंडस्ट्री के 5 अरब डॉलर यानी करीब ₹41 हजार करोड़ होने के आसार हैं। 2017-2020 के बीच देशी मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्रीज 38% सालाना की दर से बढ़ी थी। इस इंडस्ट्री के बढ़ने का रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है। भारत के बाद चीन और अमेरिका का गेमिंग ग्रोथ 8% और 10% है।
इस नियम के बाद इंडस्ट्रीज पर क्या असर पड़ेगा?
TCS और इंफोसिस समेत कई दिग्गज कंपनियां ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस सेक्टर से जुड़े करीब 1 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
अब तक दोनों के क्या नियम हैं?
आईटी एक्ट-2021 के संशोधन के तहत सरकार सभी गेम ऑफ चांस को गैंबलिंग मानती है। सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी गेम ऑफ चांस की पहचान कर बंद करेगी।
गेमिंग को गैंबलिंग की कैटेगरी में क्यों डाला?
सरकार गेमिंग और गैंबलिंग की विशेष निगरानी करना चाहती है। बच्चों और बड़ों को जोखिम में ले जाने वाले गेमिंग और गैंबिलिंग की पहचान की जा रही है।
गैंबलिंग जितना जीएसटी गेमिंग पर लगने से क्या फर्क आएगा?
यूजर को गेमिंग प्लेटफॉर्म का कमीशन 10 रुपए देना है। अगर कोई यूजर ऑनलाइन गेमिंग से 100 रुपए कमाता है, तो उसके पास 90 रुपए बचेंगे। नए फैसले के तहत इस पर 28% जीएसटी यानी 25.2 रुपए बतौर टैक्स देने होंगे। सब काटकर हाथ आएंगे 64.8 रुपए। पहले उसे 90 रुपए मिलते थे।