जैसलमेर, जैसलमेर के देवीकोट क्षेत्र में एक निजी सोलर पाॅवर कंपनी अदानी द्वारा स्थापित किये जा रहे अपने नये सोलर प्रोजेक्ट के लिए पिछले 2 दिनो में सैकड़ो खेजड़ी के पेड़ सहित अन्य डेजर्ट प्रजातियों के पेड़ काटने व बड़ी संख्या में पेड़ो के जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। इससे पर्यावरण प्रेमियों में जबरदस्त नाराजगी व रोष का माहौल हैं।
जिला प्रषासन द्वारा राज्य वृक्ष खेजड़ी जो संकट ग्रस्त पेड़ो की श्रेणी में भी आता हैं की तादात में पेड़ काटने के बावजूद अभी तक किसी प्रकार की कार्यवाही ना होने से पर्यावरण प्रेमियों ने चिप्को आंदोलन करने की चेतावनी दी हैं। ना तो वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही हैं। फिलहाल जिला कलेक्टर द्वारा जांच के लिए टीम भेजने की बात कही गई हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कार्यवाही की जायेगी, फिलहाल काम रुकवाया गया हैं।
असल में ताजा मामला जैसलमेर के फतेहगढ़ उपखंड के देवीकोट क्षेत्र का हैं जहां इन दिनो अदानी पाॅवर प्रोजेक्ट द्वारा अपना सोलर पाॅवर प्रोजेक्ट लगाया जा रहा हैं। इस प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए पिछले कुछ दिनो से लगातार कंपनी के ठेकेदारो द्वारा धरती पर संकटग्रस्त पेड़ो की गिनती में सुमार राज्य वृक्ष खेजड़ी के सैकड़ो पेड़ काट दिये गए हैं, और तो और इसके लिए उनके ठेकेदार व कार्मिक इलाके में लगे हरे-भरे पेड़ों को काट कर उन्हें आग के हवाले करने से कतई नहीं हिचक रहे। इन पेड़ों को काटे जाने का ग्रामीण विरोध भी कर रहे हैं लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। पर्यावरण प्रेमियों ने इस संबंध में वन विभाग और जिला व पुलिस प्रशासन आदि को पत्र भी लिखे हैं।
पर्यावरणप्रेमी सुमेरसिंह भाटी ने बताया कि देवीकोट क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे अदानी पावर प्रोजेक्ट के लिए कंपनी रात के अंधेरे में जेसीबी की मदद से जंगल उजाडने का काम कर रही हैं। राज्य वृक्ष खेजड़ी को भी धड़ल्ले से काटा जा रहा है। कई पेड़ों को वे रात को जला कर नष्ट कर रहे हैं। ऐसे में जंगल खत्म होने जा रहे हैं। इस पर कोई अधिकारी या वन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अब तक केवल खेजड़ी के ही 300 से 350 पेड़ काटे जा चुके हैं। निजी कम्पनी को देवीकोट क्षेत्र में करीब 3000 बीघा जमीन सरकार की तरफ से दी हुई हंै।
उन्होने बताया कि हमने गत 19 सितंबर को डी.एफ.ओ जैसलमेर को एक ज्ञापन भी सौंपा था जिसमें बताया था कि सोलर संयत्रो के लिए अधिकृत की गई जमीन पर बड़ी मात्रा में खेजड़िया लगी हुई हैं। उन्हें नष्ट करने के साथ साथ उन्हें निकालकर ट्रांसप्लांट करने के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन विषेषज्ञो की गैर मौजूदगी के साथ खेजड़ी पेड़ में प्राकृतिक रुप से इस प्रकार का कार्य संभव ना होने के बावजूद भी बड़ी तादात में पेड़ काट दिये गए। कही ट्रांसप्लांट भी किये गए थे तो वे सूख गए। अभी तक खेजड़ियों को ट्रांसप्लांट करने की तकनीक इन कंपनियों के पास मौजूद भी नही हैं।
पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि यदि सरकार व जिला प्रषासन द्वारा इस संदर्भ मे कोई कड़ी कार्यवाही नही की गई तो पर्यावरण प्रेमियों द्वारा चिपको आंदोलन किया जायेगा, उसकी जिम्मेदारी सारी प्रषासन की होगी।
पर्यावरण प्रेमी राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि फतेहगढ़ में कई सोलर प्लांट लग रहे हैं। कंपनियों की ओर से खेजड़ी के साथ जाल, केर, बेर आदि के पेड़ भी बेरोकटोक काटे जा रहे हैं। प्रशासन कंपनी को केवल 13 पेड़ ही काटने की अनुमति देता है लेकिन कंपनियां सैकड़ों पेड़ों की बलि दे रही है। ऐसे में जंगल खत्म हो गए तो पर्यावरण पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और पशुओं और पक्षियों के लिए चारा और आसरा भी नहीं बचेगा।
जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने इस संबंध में बताया कि फिलहाल हमने इस पाॅवर प्रोजेक्ट में काम रुकवा दिया गया हैं। पूरे मामले की जांच के लिए फतेहगढ़ एस.डी.एम, तहसीलदार व वन विभाग सहित अन्य पटवारियों आदि की टीम बनवाकर मौके पर भेजी हैं। इसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जायेगी। इसके अलावा पूरे डाॅक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल की जा रही हैं कि कंपनी को दी गई अनुमति व एन.ओ.सी आदि के ब्योंड कोई कार्य हुआ हैं तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
डी.एफ.ओ आशुतोष ओझा ने बताया कि जिस क्षेत्र मे यह प्लांट स्थापित किया जा रहा हैं वो कंपनी ने निजी क्षेत्र से खरीदकर काॅमर्षियल कन्वर्ट करवाई थी चूंकि काॅमर्षियल कनवर्जन के दौरान जिला प्रषासन द्वारा उन्हें एनओसी जारी की गई थी। इसमें जो भी शर्तें लागू थी उसका पालन हुवा हैं या नहीं उस संबंध में जांच पड़ताल प्रषासन के स्तर पर की जाएगी। हमनें अपनी टीम की जांच पड़ताल के लिये मौके पर भेजी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्यवाही की जाएगी हालांकि जो खेजड़ी के पेड़ जलाए हैं वो सचमुच गलत है। ऐसा नहीं किया जा सकता। पूरे मामले की विस्तृत जांच आने के बाद ही समुचित कार्यवाही की जाएगी।