नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को बीस साल की सजा

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जयपुर, 23 सितंबर। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सत्यनारायण उर्फ सत्या को बीस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने बीस वर्षीय इस अभियुक्त पर एक लाख अस्सी हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा की पीडिता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीडिता ने पिता ने 5 जून, 2022 को तुंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी 2 जून की रात को घर से गायब हो गई। उसे शक है कि कोई व्यक्ति उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया है। काफी तलाश करने के बाद भी पीडिता की जानकारी नहीं मिल रही है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जांच शुरू की। वहीं अभियुक्त को मामला दर्ज होने की जानकारी मिलने पर वह पीडिता को 16 जून को घर के पास छोडकर भाग गया। पुलिस ने इसी दिन अभियुक्त को कानोता से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि अभियुक्त ने पीडिता को कानोता में किराए के कमरे में रखा था और मकान मालिक को पीडिता को अपनी पत्नी बताया था।

चीफ इंजीनियर सहित दो की जमानत अर्जी खारिज
जयपुर, 23 सितंबर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने पीडब्ल्यूडी में संस्थागत भ्रष्टाचार से जुडे मामले में विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर सुबोध मलिक व एक्सईएन जितेन्द्र कुमार जैन की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है और आरोपियों को इस स्तर पर जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
मलिक की ओर से कोर्ट में जमानत अर्जी दायर कर कहा है कि उसे केस में झूठा फंसाया है। उसके पास किसी भी व्यक्ति का कोई भी काम लंबित नहीं था और उसने किसी से रिश्वत भी नहीं मांगी है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। वहीं एक्सईएन जैन की ओर से भी कोर्ट से जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया। इसके विरोध में एसीबी की ओर से कहा गया कि मामले में अनुसंधान जारी है और इस स्तर पर आरोपियों को जमानत देने से मामले की जांच प्रभावित होगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर मलिक व जैन की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि एसीबी ने मामले में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन जितेन्द्र कुमार जैन की ओर से किए गए फर्जीवाड़े पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में दस लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में मलिक, जैन व बिचौलिए एक्सईएन अनंत गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

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