– मरीज खतरे से बाहर, आंत सही होने तक आर्टीफिसियल आहार नली से दिए जाएंगे पेय पदार्थ
– निम्स हाॅस्पीटल के निदेशक डा. पंकज सिंह ने की चिकित्सकों की सराहना
निम्स हाॅस्पीटल के चिकित्सक छह गोली लगने से गंभीर घायल मरीज को बचाने में कामयाब हो गए। मरीज अब खतरे से बाहर है। उसे कृत्रिम नली द्वारा पेय पदार्थ देना शुरू किया गया है।
सात सितम्बर को जिला अलवर के मुंडावर निवासी दीपक उम्र लगभग 23 वर्ष को गंभीर हालत में निम्स हाॅस्पीटल की एमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। उसे छह गोलियां लगी थी। मरीज की स्थिति को देखते निम्स हाॅस्पीटल के निदेशक डा. पंकज सिंह को इसकी सूचना दी गई। डा. पंकज सिंह ने सर्जरी विभाग के निदेशक प्रो. राज कुमार जैनव के नेतृत्व में डा. अजय कुमार दायमा, डा. राघव वशिष्ठ, डा. संपत सहित चार सदस्यीय टीम का गठन किया। टीम के सदस्यों ने बिना समय गवाएं घायल का आॅपरेशन किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि घायल के छह गोलियां लगी हैं। सीने, कंघे में एक एक और पेट में चार गोलियां लगी थीं। एक गोली चार पसलियां तोड़ते हुए सीने में धंसी थी। अन्य चार गोलियों ने लग्स, लीवर और आंतों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। चिकित्सकों की टीम ने छह घंटे की मसक्कत के बाद चार गोलियां निकाल दीं। दो गोलियां पेट को फाड़ते हुए रीड की हडडी में धंसी हैं जिन्हें नहीं निकाला गया। इस संबंध में आॅपरेशन टीम के सदस्य डा. अजय कुमार ने बताया कि इन गोलियों के शरीर में रहने से मरीज को कोई समस्या नहीं होगी। मरीज खतरे से बाहर है और आंत सही होने तक उसे आर्टीफिसियल आहार नली से पेय पदार्थ देना शुरू कर दिया है। इसका श्रेय चिकित्सकों की टीम ने अत्याधुनिक मशीनों और त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने वाले प्रबंधन को दिया है। निम्स हाॅस्पीटल के निदेशक डा. पंकज सिंह ने टीम की सफलता पर उनकी सराहना की है।