-पूर्व विधानसभा स्पीकर कैलाश मेघवाल गुरू आदमी, कांग्रेस-भाजपा नेताओं के काबू नहीं आएंगे
जयपुर, 16 सितंबर (विसं) : खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत है, तो मुझे समुद्र में फेंककर दिखाएं। कैसी भाषा का उपयोग कर रहे हैं शेखावत, उनके हाथ में क्या ज्यादा ताकत है या फिर अधिक गलतफहमी हो गई है। मैं राम का वंशज हूं, असली सनातन धर्म का रक्षक। खाचरियावास केंद्रीय मंत्री शेखावत के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को अरब सागर में फेंकने वाले बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें चुनौती दे रहे थे।
खाचरियावास ने मंत्री धारीवाल का समर्थन करते हुए शेखावत को खुद को अरब सागर में फेंकने की चुनौती दी है। साथ ही कहा यदि वह धारीवाल को सागर में फेकेंगे तो क्या उनके बच्चे और परिवार नहीं है क्या, आपको पाप नहीं लगेगा क्या। ऐसे ही कानून हाथ में ले लोगे क्या, यह अधिकार आपको किसने दिया। भारत सरकार से आप पूछो, संविधान में अगर यह अधिकार मिल गया है कि राजस्थान के मंत्रियों को आप उठाकर अरब सागर में फेंक सकते हो, तो बताओ हम वैसी तैयारी करें। नया काम चालू करवा दें, प्रधानमंत्री से रिक्वेस्ट करेंगे बॉक्सिंग भी सिखा दो, ताकि किस में कितनी ताकत है पता लग जाए।
भाजपा को वाजपेयी-शेखावत के चेलों से नफरत
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भैरोसिंह शेखावत ने राजस्थान में भाजपा को गांव-गांव पहुंचाया था। पूर्व विधानसभा स्पीकर कैलाश मेघवाल उन्हीं के चेले हैं। भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी और भैरोसिंह शेखावत के चेलों से नफरत है। कैलाश मेघवाल ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि उन पर एक्शन ले लिया। इससे जाहिर होता है कि आपकी सोच दलित विरोधी है। दलित वर्ग का जो नेतृत्व करते हैं, जो पॉपुलर हैं ऐसे नेताओं को साइड लाइन किया जा रहा है। वैसे वह गुरु आदमी हैं वह कांग्रेस-भाजपा के नेताओं के काबू में नहीं आने वाले। कांग्रेस षड्यंत्र करने में विश्वास नहीं करती। जैसे ही कैलाश मेघवाल ने सच्चाई की बात उठाई तो उन्होंने उन पर कांग्रेस से मिले हुए होने का आरोप लगा दिया।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाती केंद्र सरकार
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि पेट्रोल-डीजल, महंगाई की मार का नारा देकर भाजपा वाले सरकार में आए, लेकिन इनमें आग लगा दी। गैस सिलेंडर में 650 रुपए बढ़ाकर 200 रुपए कम किए हैं। पेट्रोल -डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाते। अगर जीएसटी के दायरे में आ जाए तो आम लोगों को 40 रुपए लीटर में पेट्रोल मिल सकता है। भाजपा सरकार को पॉलिसी बनाने से कौन रोक रहा है।