विधानसभा चुनाव से पूर्व नेताओं की नूरा-कुश्ती

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-एक-दूसरे पर तंज, बयानबाजी और शब्दबाण का दौर शुरू

राजस्थान में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व राजनैतिक दलों में नूरा-कुश्ती का दौर शुरू हो चुका हैं। नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, तंज, जुमलेबाजी कर शब्दबाण से खेल रहे हैं। एक राजनैतिक पार्टी से दूसरी पार्टी या दल में जा रहे नेताओं पर जुमलेबाजी के साथ तंज कसे जा रहे हैं। वहीं अपनी ही पार्टी को श्रेष्ठï मानने और बताने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। एक-दूसरे को नीचे दिखाने और विपक्षी नेता को कमजोर दिखाने के शब्दबाण भी छोड़े जा रहे हैं।
‘कांगे्रस बड़ी पार्टी किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता’
-ज्योति मिर्धा पर तंज : मंत्री मुरारीलाल मीणा और ममता भूपेश ने कहा-बीजेपी में जाने वाले बाद में पछताएंगे
जयपुर, 16 सितंबर (विसं) : कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थामने वाली पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा पर सियासी वार का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार को ज्योति मिर्धा ने कांगे्रस के खिलाफ व भाजपा के पक्ष में बयान दिया था। इस पर कांग्रेस के दो मंत्री मुरारीलाल मीणा एवं ममता भूपेश ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके जाने से कोई फर्क नहीं पडऩे वाला। कांग्रेस बड़ी पार्टी है और जो आज भाजपा में जा रहे हैं वह बाद में पछाताएंगे। मंत्री ने कांग्रेस को एक लंबी पैसेंजर ट्रेन बताते हुए कहा कि बहुत से स्टेशन पर सवारियां चढ़ती-उतरती हैं और कई बार ट्रेन खाली तो कई बार फुल हो जाती है। विधानसभा चुनाव में यह ट्रेन रुकने वाली नहीं है।
मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार के खिलाफ एंटी इनकम्बैंसी नहीं है और इसके चलते हम रिपीट करेंगे। राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के सीएम बनने के दावे के चलते पहले राजपा में पूर्वी राजस्थान का एसटी वोट शिफ्ट हो गया था और कांग्रेस को कम सीटें आईं थी, लेकिन अब माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। वहीं ममता भूपेश ने कहा कि ज्योति मिर्धा पिछले पांच साल से पार्टी में सक्रिय नहीं थी। हमने तो उनको पार्टी के किसी प्रोग्राम में ही नहीं देखा। अगर वे लगातार पार्टी में काम करतीं तो पांच साल में कहीं नजर आतीं। मुझे नागौर से भी कभी नजर नहीं आईं। जो भी भाजपा के साथ जा रहे हैं वह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। जब चुनाव आएंगे उस समय पछताएंगे कि हमने बहुत बड़ी गलती की। भाजपा की तो फितरत है कि इधर-उधर से नेताओं को लो। राजस्थान में भी लोगों को तोडक़र अपनी तरफ मिलाकर माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके पक्ष में माहौल नहीं बन पा रहा है। प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस की ही सरकार रिपीट होगी।

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