जयपुर, 15 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर पुलिस अधीक्षक को कहा है कि वह क्रिश्चियनगंज थाना इलाके से गत 12 दिसंबर से लापता बालक को बरामद कर 16 अक्टूबर को अदालत में पेश करे। अदालत ने कहा कि यदि बालक को अदालत में पेश कर दिया जाता है तो पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की आवश्यकता नहीं है। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मधु टांक की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान अजमेर एसपी सीआर जाट अदालत में पेश हुए। उनकी ओर से अदालत में जांच रिपोर्ट पेश कर अनुसंधान की जानकारी दी गई, लेकिन अदालत पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ठ नहीं हुई। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि दीपांशु टांक के 12 दिसंबर, 2022 को लापता होने पर थाने में रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें मुकेश और नवीन सांसी पर अपहरण करने का शक जताया गया था। क्योंकि दोनों ने दीपांशु को पहले भी प्रताड़ित किया था, लेकिन पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता की ओर से यह आरोप भी लगाया गया कि आरोपियों की राजनीतिक पहुंच होने के चलते पुलिस न तो कोई कार्रवाई कर रही है और ना ही लापता को तलाशने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में लापता को बरामद कर अदालत में पेश करने के निर्देश दिए जाए।
2023-09-15