अतिक्रमण और सेटबैक पर अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान

Share:-

जयपुर, 12 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सेट बैक एरिया में हुए अवैध निर्माण, अतिक्रमण और आवासीय इमारत में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए सीजे को प्रकरण भेजा है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश मनमोहन नागपाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। वहीं अदालत ने अधिवक्ता रिनेश गुप्ता को मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है।
सुनवाई के दौरान नगर निगम के मानसरोवर जोन की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश के बाद मानसरोवर मध्यम मार्ग पर आवासीय भवनों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों और सेटबैक को लेकर करीब पांच सौ लोगों को नोटिस जारी किए थे और 7 दिन में अपने स्तर पर अवैध निर्माण हटाने को कहा था। एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी थी। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि याचिकाकर्ता आवासन मंडल के फ्लैट में रहता है और उसके नीचे रहने वाले व्यक्ति ने सेट बैक पर अवैध निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी। शांतिपूर्ण रहने का अधिकार व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। टाउन प्लानिंग के आधार पर निर्माण होने चाहिए, लेकिन टाउन प्लानिंग भी अब मिलीभगत के चलते उद्योग बन गया है। इस पर अदालत ने कहा कि यह समस्या सभी जगह की है। सरकार इसे रोकने में भी सफल साबित नहीं हुई है। प्रकरण खंडपीठ में लंबित है। ऐसे में इस याचिका में कोई आदेश दिए बिना सेट बैक पर अवैध निर्माण, अतिक्रमण और आवासीय इमारत में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *