उदयपुर, 11 सितम्बर(ब्यूरो): जिले के खेरवाड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा गोदावरी बांध 16 फीट खाली है और क्षेत्र में पिछले तीन सप्ताह से बारिश नहीं हुई। ग्रामीणों को आशंका है कि ऐसे ही हालात रहे तो जनवरी 24 में ही पानी सूख जाएगा और क्षेत्र के लोग जल समस्या से जूझ रहे होंगे। ग्रामीणों ने इसके स्थायी समाधान की मांग की है। खेरवाड़ा सहित आसपास के गांवों में पेयजल सप्लाई का एकमात्र सोत्र गोदावरी बांध ही है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर बांध नहीं भरेगा तो क्षेत्र के लोग पेयजल को तरस जाएंगे। पिछले साल भी ऐसे ही हालात हो गए थे। इसके बावजूद पेयजल प्रबंध को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए। ग्रामीणों की मांग पेयजल प्रबंधन को लेकर आगामी 25 साल के लिए योजना बनाई जानी चाहिए थी।
इधर, सिंचाई विभाग के अनुसार खेरवाड़ा क्षेत्र में इस बार 14इंच बारिश हुई लेकिन खेरवाड़ा का गोदावरी बांध आधा खाली पड़ा है। 31 फीट क्षमता वाले इस बांध में 15 फीट पानी ही है।
क्षेत्रवासियों ने बताया कि जब वर्ष 2022 में गोदावरी बांध खाली हो गया तब मार्च से लेकर जून महीने तक गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ा था। इस दौरान पेयजल आपूर्ति बंद हो गई थी तथा कस्बा वासियों ने टैंकरों व हैंडपंप से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ी। वर्तमान समय में आधा बांध खाली है तथा पानी की उपलब्धता को देखते हुए जनवरी माह तक पेयजल की आपूर्ति होने की संभावना है और फिर पेयजल संकट उत्पन्न हो जाएगा।
दो संभावनाएं, जिससे मिल सकती है प्यास
जलदाय विभाग के सहायक अभियंता आलोक गरासिया बताते हैं कि पेयजल की समस्या के दौरान टैंकरों से पानी भिजवाया जाएगा। इधर, ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन यदि गोदावरी बांध को लबालब रखना चाहे तो उनके पास दो विकल्प हैं। एक तो ढिकवास से दो नदियों का बांध का पाइप लाइन के जरिए ओवरफ्लो पानी पाइप लाइन के जरिए खेरवाड़ा लाया जा सकता है। दूसरा सोम कागदर बांध का बैक वाटर लाने की योजना बनाई जा सकती है। हालांकि दोनों ही मामलों में राज्य सरकार को निर्णय लेना है।
2023-09-11