जयपुर पुलिस के हत्थे चढ़े मेवात गैंग के 5 ठगों ने जो खुलासे किए हैं, वो हैरान कर देने वाले हैं। राजस्थान से ये ठग फ्लाइट से तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में ठगी करने जाते थे। ये ठग राजस्थान में बैंक खाता रखने वाले ग्राहकों के ATM कार्ड 50% कमीशन पर अपने साथ लेकर जाते। वहां एटीएम में दो नए तरीकों से ठगी कर कैश निकलवाते। टारगेट पूरा होने के बाद महंगे होटलों में मौज मस्ती करते।
दो तरीके से ठगी करते थे
ठगी का पहला तरीका : एटीएम कार्ड और उसका पिन नंबर लेने के बाद ये ठगी के लिए दूसरे राज्यों में जाते। उनमें भी ये ऐसे ग्रामीण इलाकों में जाते, जहां सीसीटीवी या लाइट की प्रॉपर सुविधा नहीं है। वहां एटीएम से कैश निकलवा लेते। फिर उस एटीएम धारक को अपनी ब्रांच में शिकायत करने के लिए कहते कि मैंने इस स्टेट में यहां से पैसे निकालने थे, लेकिन एटीएम के अंदर ही अटक गए। ये शिकायत खाताधारक अपने फोन से दर्ज करवाता था।
शिकायत मिलने के बाद बैंक मैनेजर अपने ही बैंक कि उस ब्रांच के मैनेजर को मेल करते कि उनके इस ग्राहक को इस एटीएम से पैसा नहीं निकला है। साइबर ठगों को पता है कि एटीएम में अटके ट्रांजेक्शन की जांच में काफी वक्त लगेगा। ऐसे में ये आरबीआई के एक नियम का फायदा उठाते, जिसके अनुसार 7 दिन के अंदर ग्राहक को उनके अटके ट्रांजेक्शन का पैसा लौटाना होता है। जब बैंक खाते में पैसा डलवा देता, तो उसको भी खाते से निकलवा लेते।
ठगी का दूसरा तरीका : इस काम में दो लोग शामिल होते थे, ग्रामीण इलाकों में जिस किसी भी एटीएम से पैसे निकलवाने जाते वहां एक आदमी अंदर रहता और दूसरा बाहर। एक ठग एटीएम के बाहर पॉवर सप्लाई करने वाले स्विच को अपने हाथ में रखता। उधर एटीएम में मौजूद दूसरा ठग कैश विड्रॉ के लिए एटीएम लगाता। जैसे ही कैश एटीएम से बाहर आता, बाहर खड़ा व्यक्ति उसी क्षण उसका मैन पावर सप्लाई स्विच बंद कर देता। इससे एटीएम से कैश भी निकल जाता था और खाते से पैसे भी नहीं कटते थे।