सरकार ने आधा दर्जन अमेरिकी प्रोडक्ट्स से इंपोर्ट ड्यूटी हटाई:राष्ट्रपति बाइडेन के भारत आने से पहले लिया फैसला, जून 2019 में 120% तक बढ़ा दी थी ड्यूटी

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दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच G20 बैठक होने जा रही है। इस बैठक के डिनर में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक इन्विटेशन कार्ड भेजा गया है। इन्विटेशन कार्ड पर President Of India की जगह President Of Bharat लिखा गया है।

इस पर रिएक्शन देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर लिखा कि हम अगली बैठक में अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A से बदलकर ‘भारत’ करने पर विचार कर सकते हैं। बीजेपी को अब देश के लिए कोई नया नाम सोचना शुरू कर देना चाहिए।
सवाल : G20 के डिनर आमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखना क्या गैर-संवैधानिक है?

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता के मुताबिक ये गैर-संवैधानिक नहीं है। भारत के संविधान के आर्टिकल 1 (1) में लिखा है- ‘India, that is Bharat, shall be a Union of States’ अर्थात ‘इंडिया, जो भारत है राज्यों का एक संघ होगा’। यानी हमारे देश का नाम भारत और इंडिया दोनों है। इन दोनों का इस्तेमाल संवैधानिक है। हालांकि अगर कोई हिंदुस्तान, आर्यावर्त या जंबूद्वीप लिखने लगे, तो इसे संविधान के खिलाफ माना जाएगा।

‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखकर एक परंपरा का निर्वहन नहीं किया गया है। इसे इसी रूप में देखना चाहिए।

सवाल : अगर ये गैर-संवैधानिक नहीं है, तो दिक्कत क्या है? इस पर कंट्रोवर्सी क्यों हो रही है?

ये कंट्रोवर्सी राजनीतिक है। चूंकि विपक्षी दलों के गठबंधन ने अपना नाम INDIA रख लिया है, इसलिए मोदी सरकार ने इस नाम का इस्तेमाल कम कर दिया है। भारत नाम पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। विपक्ष इस पर आपत्ति जता रहा है।

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