जयपुर, 1 सितंबर। एनआईए मामलों की विशेष अदालत ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी फरहाद मोहम्मद उर्फ बबला को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी से बरामद तलवार का हत्याकांड में उपयोग नहीं हुआ है। उस पर केवल आम्र्स एक्ट के तहत प्रसंज्ञान हुआ है और वह एक साल से अधिक समय से जेल में बंद है। ऐसे में उसे जमानत देना उचित है।
जमानत अर्जी में कहा गया कि एफआईआर में उसके खिलाफ अपराध करना नहीं बताया गया है और ना ही उसका नाम एफआईआर में है। वह बस स्टैंड पर मीनाकारी का काम करता है। उसके मकान से तलवार बरामद होना बताया गया है। वह भोंटी तलवार है और मीनाकारी करके शोपीस के तौर पर बिक्री के लिए रखी गई थी। वहीं उसके खिलाफ सिर्फ आम्र्स एक्ट के तहत ही प्रसंज्ञान लिया गया है और वह लंबे समय से जेल में बंद है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जिसका विरोध करते हुए एनआईए की ओर से कहा गया कि आरोपी ने घटना से पहले प्रदर्शन में अग्रणी रूप से भाग लिया था और मोहम्मद साहब के खिलाफ टिप्पणी करने वालों का सिर धड से अलग करने जैसे गंभीर नारे लगाए थे। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जाए।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने गत गुरुवार को आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत देने से इनकार कर दिया था। उदयपुर में 28 जून, 2022 को हुई कन्हैयालाल की हत्या के बाद एनआईए ने पाक निवासी दो आरोपियों सहित करीब एक दर्जन आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया था।