जयपुर, 29 अगस्त। राजस्थान हाईकोर्ट ने वन रक्षक भर्ती-2020 में अभ्यर्थियों की ऊंचाई और सीने की नाप को लेकर एसएमएस मेडिकल कॉलेज से आई रिपोर्ट को देखकर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश कुलदीप शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने वन रक्षक के 1041 पदों की भर्ती के लिए आवेदन मांगकर भर्ती प्रक्रिया शुरू की। जिसमें लिखित परीक्षा पास करने के बाद याचिकाकर्ताओं की दक्षता परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें याचिकाकर्ताओं की ऊंचाई और सीने की नाप लेने के दौरान गड़बड़ी करते हुए कम उनकी नाप ली गई। जिसके चलते उन्हें चयन से वंचित कर दिया गया। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया की सभी अभ्यर्थियों की दक्षता परीक्षा नियमानुसार ही ली गई है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व में आदेश जारी कर एसएमएस मेडिकल कॉलेज को आदेश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं की शारीरिक दक्षता का पुन: परीक्षण करे। जिसकी पालना में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बोर्ड ने याचिकाकर्ताओं की शारीरिक दक्षता का पुन: परीक्षण कर अदालत में अपनी सीलबंद रिपोर्ट पेश की। सुनवाई के दौरान अदालत ने रिपोर्ट देखकर पाया कि याचिकाकर्ताओं की ऊंचाई सीने की नाप निर्धारित योग्यता के अनुसार ही है। ऐसे में उन्हें शारीरिक दक्षता के आधार पर चयन से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता दक्षता परीक्षा की शर्त पूरी करते हैं। ऐसे में यदि वे दक्षता परीक्षा के अलावा अन्य आधारों पर अपात्र नहीं है तो उन्हें वन रक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए।
2023-08-29