वीसी से पेश हुए सीएम गहलोत, गजेन्द्र सिंह को भी पेश होना चाहिए

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जयपुर, 28 अगस्त। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह व उनके परिवारजनों के खिलाफ की गई बयानबाजी के आपराधिक मानहानि मामले में कहा है कि शिकायतकर्ता गजेन्द्र सिंह को छह सितंबर को वीसी के जरिए पेश होना चाहिए। अदालत ने कहा कि अदालत में पेश नहीं होने पर उन्हें अगले से अर्जी दायर कर उपस्थिति से छूट लेनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई छह सितंबर को रखी है।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में गजेन्द्र सिंह के अधिवक्ताओं ने सीएम अशोक गहलोत के वकील को प्रकरण से जुडे दस्तावेज और पेन ड्राइव आदि मुहैया कराए। वहीं सीएम गहलोत वीसी से अदालत में पेश हुए। उनकी ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले के परिवादी को अदालत में उपस्थित होने के निर्देश देने की गुहार की। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि कानूनन ऐसे मामलों में परिवादी की उपस्थिति जरूरी है। परिवादी को हर पेशी पर कोर्ट में हाजिर होना जरूरी है या उसे कोर्ट से उपस्थिति की छूट लेनी चाहिए। इसके बावजूद भी परिवादी गजेन्द्र सिंह पिछली कुछ पेशियों से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं। परिवादी के अनुपस्थिति रहने के चलते नियमानुसार केस को बंद करना चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि गजेन्द्र सिंह को आगामी सुनवाई पर पेश होना चाहिए। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दिल्ली की निचली अदालत में संजीवनी घोटाले मामले में सीएम गहलोत के ओर से उनके खिलाफ बयानबाजी करने पर आपराधिक मानहानि का परिवाद पेश किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम कोर्ट ने सीएम गहलोत को समन जारी कर तलब किया था। वहीं रिवीजन कोर्ट ने समन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए उन्हें वीसी के जरिए पेश होने को कहा था। जिसकी पालना में सीएम गहलोत हर पेशी पर वीसी के जरिए पेश हो रहे हैं।

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