रेल डिब्बों को काटकर निकाला घायल यात्रियों को यह दृश्य रहा कोतुहल का विषय
फुलेरा, 24अगस्त :- उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल के फुलेरा स्टेशन यार्ड में गुरुवार को रेल दुर्घटना के समय बचाव कार्य का एक मॉक ड्रिल किया गया। इस मॉक ड्रिल के लिए ट्रेन संख्या 14701 गंगानगर बांद्रा टर्मिनल एक्सप्रेस के फुलेरा के यार्ड में दुर्घटनाग्रस्त होने तथा दो डिब्बे पटरी से उतरने की सूचना का प्रसार रेलवे द्वारा किया गया। सूचना पर तुरंत जयपुर से दुर्घटना राहत ट्रेन एवम टूल वेन घटना स्थल पर पहुंची।एनडीआरएफ, एसडीआरएफ भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। रेलवे अस्पताल के डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ एंबुलेंस सहित राहत कार्य के लिए पहुंचे। मंडल रेल प्रबंधक विकास पुरवार रेलवे अधिकारियों के दल बल के साथ दुर्घटना स्थल पहुंचे। दुर्घटना राहत सेवा- जयपुर, एनडीआरफ, एसडीआरएफ तथा रेल कर्मियों ने तत्परता और समन्वयता के साथ दुर्घटनाग्रस्त रेल डिब्बों में से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर की सहायता से डिब्बों को काटा गया तथा उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए घटना स्थल पर बने मेडिकल कैंप में पहुंचाया गया । गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एंबुलेंस के द्वारा अस्पताल रवाना किया गया। डिब्बों में फंसे हुए घायल यात्रियों का पता करने के लिए डॉग दल का उपयोग किया साथ ही लाउडस्पीकर से सहायता के लिए पुकारने के संकेत की सूचना दी गई।मॉक ड्रिल के समय मंडल रेल प्रबंधक विकास पुरवार के साथ मंडल रेल प्रबंधक संजीव दीक्षित, एनडीआरएफ कमांडेंट योगेश कुमार,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस आर बुनकर, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी, संतोष कुमार विजय, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक मुकेश सैनी, मंडल सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ ज्योति मनी, एडीईएन श्यामसुंदर गर्ग, तथा जयपुर मंडल,एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस मौके पर स्थानीय स्टेशन अधीक्षक सतीश कुमार, आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश सिंह,फुलेरा थाने प्रभारी राजेंद्र सिंह मय जाप्ता, रेलवे अस्पताल, वाणिज्य,इंजीनियरिंग,यांत्रिक, आदि विभागों के कर्मचारियों तथा रेलवे सुरक्षा बल व जीआरपी के जवानों सहित संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सहित मौजूद रहे। इस अवसर पर जयपुर मंडल रेल प्रबंधक विकास पुरवार ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि माॅक ड्रिल से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जो निर्धारित प्रक्रिया है उसका पालन हो रहा है या नहीं अथवा इसमें और क्या सुधार या बदलाव करने की आवश्यकता है सभी विभागों का रिस्पांम टाइम कितना है यह भी पता चलता है।