राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्व में लोकतंत्र को मजबूत करने में सीपीए की भूमिका की सराहना की। त्वरित तकनीकी प्रगति के वर्तमान युग में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि एआई जैसी विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों का नैतिक ढंग से सदुपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की सहायता से शासन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करके कई चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विधायकों का यह कर्तव्य है कि वे लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरें और यह सुनिश्चित करें कि समाज के सभी वर्गों का सर्वांगीण विकास हो।
वैश्विक चुनौतियों का समाधान भारत से निकले : बिरला
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन सफल रहा और सम्मेलन में हुए विचार-विमर्श से विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत वर्तमान और भावी चुनौतियों के समाधान में बहुत मदद मिलेगी। बिरला ने यह भी कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में, हमें अपनी संस्थाओं के अंदर विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए, ताकि हमारी संस्थाएं प्रभावी परिणाम ला सकें।
‘एक राष्ट्र्र एक विधायी मंच’ लागू किया जाए
बिरला ने पीठासीन अधिकारियों से आग्रह किया कि ‘एक राष्ट्र एक विधायी मंच’ को लागू किया जाए। साथ ही विधायकों का क्षमता निर्माण भी किया जाए, जिससे न केवल विधानमंडलों की प्रभावशीलता और प्रभावकारिता में सुधार होगा, बल्कि विधानमंडलों और जनता के बीच की दूरी भी कम होगी। उन्होंने विधायकों से विधायी प्रभावशीलता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया।
सम्मेलन में राष्ट्र्रमंडल संसदीय संघ मुख्यालय के चेयरपर्सन इयान लिडेल ग्रैन्जर सहित 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर संसद सदस्य और राजस्थान विधान सभा के सदस्य भी उपस्थित थे।