विद्याधर बाग में व्यावसायिक गतिविधियों पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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जयपुर, 22 अगस्त। राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर की प्राचीन एवं पुरातत्व संरक्षित धरोहर आगरा रोड स्थित विद्याधर के बाग में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर मुख्य सचिव, निदेशक पुरातत्व विभाग व वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना यहां व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर तत्काल रोक लगा दी जाए। सीजे एजी मसीह व जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश सिटीजन प्रोटेक्शन सोसाइटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता आरबी माथुर ने बताया कि जयपुर की बनावट में वास्तुविद विद्याधर भट्टाचार्य की बडी भूमिका रही है। ये शहर के मुख्य वास्तुकार थे। जिन्होंने शहर का नक्शा बनाया था। जिसमें नगर नियोजन के साथ-साथ वास्तु शास्त्र का भी पूरा ध्यान रखा गया था। इनकी स्मृति में विद्याधर का बाग बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य यहां आने वाले पर्यटकों को बाग का सौन्दर्य व शहर की हेरिटेज विरासत को दिखाना था, लेकिन पुरातत्व विभाग ने एक निजी फर्म को बाग में रेस्टोरेंट चलाने और शादी पार्टियां आयोजित करने की मंजूरी दी है। इसके चलते रेस्टोरेंट में देर रात तक पार्टियां में डीजे बजाया जाता है। इससे ना केवल शहर की हेरिटेज विरासत पर नकारात्मक असर पडता है, बल्कि आसपास के वन क्षेत्र के वन्य जीवों को भी परेशानी होती है। पुरातत्व विभाग ने यह सम्पति किसी निजी फर्म को लीज पर दी है, लेकिन वह लीज शर्त का उल्लंघन कर बाग का व्यावसायिक उपयोग कर रही है। इसलिए बाग में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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