राज्य सरकार ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की कमान पहली बार आर्मी अफसर को सौंपी है। रिटायर्ड मेजर जनरल आलोक राज कर्मचारी चयन बोर्ड के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। गहलोत सरकार ने बुधवार देर रात नियुक्ति संबंधी आदेश जारी कर दिए।
आलोक राज का कार्यकाल 3 साल तक का रहेगा। गौरतलब है कि पेपरलीक और भर्तियों में लेटलतीफी के चलते बोर्ड के कामकाज पर सवाल उठते रहे हैं।
इसको लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार भी घिरती रही है। यहां भर्तियों में पारदर्शिता को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अनशन भी कर चुके हैं। बेरोजगारों के मुद्दों को लेकर उन्होंने पदयात्रा भी निकाली थी।
राजधानी के बनी पार्क के रहने वाले आलोक राज भारतीय सेना में 37 वर्ष से अधिक समय तक सेवाएं दे चुके हैं। उन्हें जून, 1983 में सिख लाइट इन्फैंट्री की पहली बटालियन में कमीशन मिला था। वह UN सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में अंगोला में विदेशी मिशन के साथ भी काम कर चुके हैं।
दरअसल, पिछले लंबे वक्त से प्रदेशभर में लंबित भर्ती परीक्षाओं को समय पर पूरा करने की मांग के साथ पेपरलीक जैसे मुद्दों को लेकर विरोध किया जा रहा था।
पायलट भी बेदाग छवि वाले व्यक्ति को बोर्ड अध्यक्ष बनाने की मांग कर चुके हैं। अब किसी IAS-IPS की जगह सैन्य अफसर को चुना गया है।
अक्टूबर में पूरा होना था हरिप्रसाद शर्मा का कार्यकाल
कर्मचारी चयन बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल इसी साल 7 अक्टूबर को पूरा होना था। तभी से नए अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहा था। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे।