मानहानि केस में सीएम गहलोत को वीसी से पेश होने की राहत बरकरार

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जयपुर, 19 अगस्त। दिल्ली की राउज एवेन्यू की विशेष कोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह व उनके परिवारजनों के खिलाफ की गई बयानबाजी के आपराधिक मानहानि मामले में सीएम अशोक गहलोत को व्यक्तिगत उपस्थिति से दी गई छूट को 16 सितंबर तक बढा दिया है। अदालत ने यह आदेश सीएम गहलोत की रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान सीएम गहलोत की ओर से उनके अधिवक्ता ने व्यक्तिगत उपस्थिति से मिली छूट को बरकरार रखते हुए मामले की सुनवाई 16 सितंबर तक टालने की गुहार की। वहीं केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह के अधिवक्ता ने अगली पेशी पर वीसी के जरिए उपस्थिति का विरोध किया और मामले की सुनवाई अगले सप्ताह रखने की गुहार की। दोनों पक्षों को सुनकर अदालत ने मामले की सुनवाई 16 सितंबर को तय की है।
रिवीजन में सीएम ने निचली कोर्ट के 6 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें समन के जरिए कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। रिवीजन अर्जी में सीएम की ओर से कहा गया कि मामले में दायर मानहानि के परिवाद में आपराधिक मानहानि के कोई साक्ष्य ही नहीं हैं। अखबार में छपी खबरों के आधार पर परिवाद दायर किया है जो सही नहीं माना जा सकता। सीएम ने जो बयान दिया था वह गृह मंत्री के तौर पर और एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर दिया था। एसओजी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में परिवादी शेखावत को आरोपी माना है। इसलिए उनके खिलाफ समन पर रोक लगाई जाए। पूर्व में अदालत ने समन पर रोक से इनकार करते हुए उन्हें निचली अदालत में वीसी के जरिए पेश होने को कहा था। जिसकी पालना में गहलोत गत 7 अगस्त को निचली अदालत में वीसी के जरिए पेश हुए। निचली अदालत मामले में 21 अगस्त को सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने दिल्ली की निचली अदालत में संजीवनी घोटाले मामले में सीएम गहलोत के ओर से उनके खिलाफ बयानबाजी करने पर गहलोत पर आपराधिक मानहानि का परिवाद पेश किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम कोर्ट ने सीएम गहलोत को समन जारी कर तलब किया था।

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