जोधपुर। मथुरादास माथुर अस्पताल के पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डिवीजन की नव स्थापित कैथ लैब में जटिल बीमारी टीजीए रेस्ट्रीक्ट्रिव पीएफक्यू पीडीए पीएचए का पैलिएटिव इंटरवेंशन विधि से बैलून एट्रायल सेप्टोस्टॉमी प्रॉसिजर कर जीवनदान दिया।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कंट्रोलर डॉ. दिलीप कच्छवाहा, मथुरादास माथुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष पारख एवम पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी टीम को बधाई दी। कॉलेज प्रवक्ता डॉ जयराम रावतानी बताया कि यह ऑपरेशन इमरजेंसी में एवं निशुल्क किया गया है। पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डिवीजन के डॉ. विकास आर्य ने बताया कि इस बीमारी में जन्म के बाद बच्चे को नीले पडऩे की शिकायत होती है क्योंकि शरीर एवं फेफड़ों को खून ले जाने वाली नसें आपस में बदल जाती है। ऐसे में अगर एट्रियल सेप्टल में छेद अगर छोटा हो तो बच्चे का ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता है एवं बच्चा ऑक्सीजन की कमी से मल्टी ऑर्गन फैलियर में चला जाता है। एम्स अस्पताल में नौ दिन का नवजात शिशु इस बीमारी से ग्रसित था एवं उसका ऑक्सीजन लेवल 40 से 45 परसेंट था जिसके लिए एमडीएम अस्पताल में नोडल ऑफिसर पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी डॉक्टर जेपी सोनी से संपर्क किया गया एवं बच्चे को ट्रांसपोर्ट इनक्यूबेटर से एनआईसीयू में भर्ती करके एमडीएम कैथ लैब में एट्रियल सेप्टम को फाड़ा गया। प्रॉसिजर के बाद बच्चे का ऑक्सीजन लेवल 80 से 82 परसेंट हो गया।
ऑपरेशन के बाद बच्चे को स्टेबलाइज कर वापस एम्स मे भिजवा दिया गया एवं अब बच्चा पहले से बेहतर है। पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजी टीम से डॉ. जेपी सोनी आचार्य, डॉ. विकास आर्य सहायक आचार्य एवं सहआचार्य डॉक्टर संदीप चौधरी ने ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में डॉ. मानसी मदान, सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष बलारा, निश्चेतना विभाग के आचार्य डॉ. राकेश कर्णावत, सहायक आचार्य डॉ. मोनिका, डॉ. लवी, डॉ. श्रव्या, सीनियर स्टाफ दिनेश गोस्वामी, आसिफ खान, कैथ लैब टेक्नीशियन धर्मेंद्र मरेठा, स्टाफ लीला, नीलम, जितेंद्र का इलाज में अहम सहयोग रहा। इस तरह का इंटरवेंशन प्रोसीजर अब तक पश्चिमी सरकारी संस्था में किया गया पहला ऑपरेशन है।