वाराणसी जिला जज ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में चल रहे एएसआई सर्वेक्षण के बारे में कोई भी ‘अनौपचारिक खबर’ पब्लिश करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 2022 के श्रृंगार गौरी पूजा मुकदमे के दोनों पक्षों और एएसआई अधिकारियों को सर्वेक्षण के संबंध में मीडिया में कोई भी बयान देने से परहेज करने का निर्देश दिया है। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर एक आवेदन में जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेशा ने यह आदेश पारित किया था, ताकि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को ज्ञानवापी के चल रहे एएसआई सर्वेक्षण के बारे में ‘झूठी खबर’ प्रकाशित करने से रोका जा सके।
कोर्ट ने कहा, “दोनों पक्षों को सुनने के बाद, मेरी राय है कि अदालत के आदेश से संबंधित भूखंड पर जो सर्वेक्षण कार्य चल रहा है, उसकी प्रकृति संवेदनशील है। एएसआई को कोई टिप्पणी करने या कोई जानकारी देने का कोई अधिकार नहीं है। सर्वेक्षण के संबंध में वादी के वकील या प्रतिवादी के वकील को। एएसआई अधिकारी भी सर्वेक्षण की रिपोर्ट केवल अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बाध्य हैं और सर्वेक्षण के संबंध में प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। न ही न्यायसंगत और न ही कानूनी। इसलिए सर्वेक्षण कार्य कर रहे एएसआई के सभी अधिकारियों को आदेश दिया जाता है कि वे सर्वेक्षण के संबंध में किसी भी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को कोई जानकारी नहीं देंगे और न ही सर्वेक्षण और रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी देंगे। यह केवल अदालत के समक्ष है।”
जिला जज ने आगे आदेश दिया, “इसी प्रकार वादी एवं प्रतिवादी एवं उनके अधिवक्ता, जिला शासकीय अधिवक्ता, सिविल एवं अन्य अधिकारियों को भी आदेश दिया जाता है कि वे सर्वेक्षण से संबंधित कोई भी जानकारी किसी भी प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से साझा न करें और न ही इसका प्रचार-प्रसार करें। उक्त रिपोर्ट केवल न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है। यदि प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एएसआई वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष द्वारा कोई जानकारी नहीं दिए जाने के बावजूद बिना आधिकारिक जानकारी के सर्वेक्षण के संबंध में कोई खबर गलत तरीके से प्रकाशित करता है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए।”
मस्जिद परिसर के अंदर साल भर पूजा करने की मांग करने वाली 4 हिंदू महिला उपासकों द्वारा दायर 2022 के लंबित श्रृंगार गौरी पूजा मुकदमे में अंजुमन समिति द्वारा आवेदन इस सप्ताह दायर किया गया था। आवेदन में कहा गया है कि एएसआई या उसके अधिकारियों ने चल रहे सर्वेक्षण के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है, हालांकि, सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मनमाने ढंग से इसके बारे में गलत और झूठी खबरें फैला रहे हैं।