सूत्रों ने बताया कि कलाम एकेडमी में 9 पार्टनर हैं। इसमें 4 सक्रिय और पांच साइलेंट पार्टनर हैं। आरपीएस अधिकारी राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर व युनूस खान के परिजन शामिल हैं। युनूस खान राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रवक्ता हैं। तीन साझेदार राजेश सींवर के परिजन, युजवेन्द्र जांगिड़, सुरेन्द्र भाकर नागौर जिले से हैं, जबकि युनूस खान सीकर जिले के मूल निवासी हैं। हालांकि रिकॉड्र्स में इनका नाम नहीं है।
कलाम एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड नाम से यह कंपनी 2020 में रजिस्टर्ड की गई थी। इस कंपनी में धन्नराम, शबनम बानो, शारदा जांगिड़, रामस्वरूप और रामावतार निदेशक हैं। ये और इनके परिजन कभी एकेडमी में नहीं आते।
इस कोचिंग से गोविंद सिंह डोटासरा के बेटे का भी नाम जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं।
ईडी की कार्रवाई की वजह से एकेडमी में किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इस एकेडमी में 20 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों के प्राध्यापक व स्कूल व्याख्याता शामिल हैं। कलाम एकेडमी से जुड़े ज्यादातर सदस्य सीकर में तैयारी के लिए आए थे। हालांकि इनके कुछ साथी पहले से राजकीय सेवा में चयनित हो गए थे। बाद में कोचिंग संचालन में अहम भागीदारी निभाने वाले सदस्यों का भी राजकीय सेवा में चयन हो गया।
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा से बात की। पढ़िए उनका क्या है कहना…
प्रशन: आपको क्या लगता है ईडी की सूचना लीक हो रही है?
किरोड़ीलाल: राजस्थान में ईडी की रेड की सूचना पहले भी लीक हुई है। तब ईडी की रडार में जो अधिकारी आया था, उसे अब हटा दिया गया है। राज्य की सरकारी मशीनरी में से कोई न कोई है, जो अब भी रेड की सूचना पहुंचा देता है।
सवाल : पेपर लीक में कलाम एकेडमी के तार कैसे जुड़े हुए हैं?
किराेड़ीलाल : मैं कहता हूं कि कई मंत्री, कई एमएलए जेल की हवा खाएंगे। मैं ये पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। पेपर लीक से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। अब सब दोषी जेल में जाएंगे।
सवाल : आप कैसे कह सकते हैं कि पेपर लीक में कलाम एकेडमी शामिल है?
किराेड़ीलाल : मैं तो अपने कागज दे चुका हूं। यदि पेपर लीक गिरोह के सरगनाओं की सीडीआर, मोबाइल लोकेशन आदि निकाल ली जाए तो पता चल जाएगा कि उनका कहां-कहां उठना बैठना रहा। कलाम एकेडमी पर भी आंच आएगी। वैसे जांच एजेंसियों के पास सीडीआर है और सूचना है कि अवैध पैसों से कैसे बेनामी प्रॉपर्टिंयां खरीदी गईं।
सवाल : SOG पेपरलीक मामले की जांच कर तो रही है…
किराेड़ीलाल : आप सही कह रहे हैं, लेकिन SOG बड़े दोषियों, जिनमें मंत्री-विधायक शामिल हैं, उन्हें बचाने में लगी हुई है। नीचे-नीचे ही कार्रवाई करना चाहती है। SOG ईमानदारी से कार्रवाई करे तो सरकार हिल जाएगी।
डोटासरा बोले-कलाम कोचिंग से मेरा कोई लेना-देना नहीं
ईडी की कार्रवाई पीछे 3-4 महीने से चल रही हैं, वे सीकर भी जा सकते हैं। जो एजेंसियां काम कर रही हैं, वे स्वतंत्र और पारदर्शिता से काम करें। अगर कोई दिक्कत या गड़बड़ी पाई जाएगी तो वे अपनी कार्रवाई करेंगे। ईडी मेरे वहां नहीं गई है, न ही ईडी ने मुझे फोन किया। डोटासरा न कभी थकता है और न ही डरता और घबराता है।
किरोड़ी लाल खुद पर ही सवाल उठा रहे
‘हम इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते। हमारा तो इतना ही कहना है कि हम तो पहले भी साफ थे, हम आज भी साफ हैं और आगे भी साफ ही रहेंगे। जो लोग ईडी से सूचना लीक के आरोप लगा रहे हैं, उल्टा केंद्र सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। किरोड़ी लाल बीजेपी से हैं और वह अपने आप पर ही सवाल उठा रहे हैं। हम क्या बोलें, किसी भी बात की हद होती है।’
– यूनुस खान, संचालक, कलाम एकेडमी
इस तरह सामने आया था पेपर लीक का नेटवर्क
सीनियर टीचर का पेपर लीक करने के लिए शेर सिंह कई महीनों तक आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा के संपर्क में रहा। शेर सिंह ने कटारा और भूपेंद्र सारण के 1 करोड़ के सौदे में बिचौलिए की भूमिका निभाई। सौदे के तहत 19 दिसम्बर को पेपर भूपेंद्र सारण को सौंप दिया गया।
शेर सिंह ने सौदे के बाद मोटी काली कमाई करने के लालच में टाइप किए हुए पेपर की एक कॉपी अपने पास रख ली। पेरेलल अपने नेटवर्क के जरिए पेपर परीक्षार्थियों तक पहुंचाए।
अपने दोस्त रामगोपाल-अरुण शर्मा के साथ मिलकर जयपुर-सीकर में आधा दर्जन जगहों पर परीक्षार्थियों को बोल-बोल के पेपर के सवाल लिखाए।
इस तरह दूसरे रास्ते से 100 से अधिक परीक्षार्थियों तक सवाल पहुंच गए। इन कैंडिडेट्स से 1 करोड़ रुपए से अधिक वसूले गए थे।
पेपर लीक मामले के कारण ईडी रेड एक राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है और ये मुद्दा पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन चुका है, लेकिन इस पूरे मामले में ईडी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।