केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को लोकसभा में कस्टम्स टैरिफ एक्ट की पहली अनुसूची में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश करने वाली थी, लेकिन मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण ये पेश नहीं हो सका। लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG), प्रोपेन और ब्यूटेन पर आयात शुल्क बढ़ाने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया जाना था।
इस बदलाव को लेकर फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 30 जून को नोटिफिकेशन जारी किया था। सरकार ने नोटिफिकेशन में कहा था- LPG सिलेंडर पर कस्टम ड्यूटी 5% से बढ़ाकर 15% की जा रही है। इसके ऊपर 15% एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) भी लगेगा। हालांकि, ये बढ़ोतरी सरकारी तेल कंपनियों के लिए नहीं है।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसी राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनियां डोमेस्टिक कंज्यूमर्स को सिलेंडर सप्लाई करने के लिए लिक्विफाइड प्रोपेन, लिक्विफाइड ब्यूटेन और लिक्विफाइड प्रोपेन और लिक्विफाइड ब्यूटेन का मिक्सचर इंपोर्ट करती है। इनके लिए कस्टम ड्यूटी निल है।
सरकार इसके जरिए इंपोर्ट बिल कम करना चाहती है
सरकार के इस कदम का मकसद डोमेस्टिक कंज्यूमर्स को प्रोटेक्ट करने के साथ इंपोर्ट बिल कम करना है। ऐसे में सरकारी कंपनी के उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा। आखिरी बार घरेलू सिलेंडर के दाम 1 मार्च 2023 को 50 रुपए बढ़े थे। दिल्ली में इसकी कीमत 1103 रुपए, मुंबई में 1102.50 रुपए और कोलकाता में 1129 रुपए है।