नेक्सा एवरग्रीन ठगी प्रकरण की जांच क्यों ना सीबीआई से कराई जाए

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जयपुर, 26 जुलाई। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि हजारों लोगों से कई हजार करोड़ रुपए की नेक्सा एवरग्रीन ठगी प्रकरण की जांच क्यों ना सीबीआई से कराई जाए। जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश सत्यवीर सिंह व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि प्रकरण में जयपुर और सीकर सहित अन्य जिलों व दूसरे राज्यों में भी एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। जिसमें प्रारंभिक अनुसंधान में पुलिस ने आरोपी ठग रणवीर सिंह बिजारणिया, सुभाष चन्द्र बिजारणिया, बोधू राम और गोपाल सिंह सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के साथ-साथ चिट फंड घोटाला अधिनियम के तहत भी अपराध प्रमाणित माना है। इन आरोपियों ने देशभर से हजारों लोगों से धोखाधड़ी कर करीब 11 हजार करोड रुपए से अधिक राशि की ठगी की है। ऐसे समान मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। वहीं वर्तमान जांच अधिकारी प्रकरण में प्रभावी अनुसंधान नहीं कर रहे हैं। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार व सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
गौरतलब है कि सेना से रिटायर रणवीर सिंह व अन्य आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग कंपनियां बनाकर हजारों लोगों को गुजरात की धोलेरा सिटी की जमीन में निवेश करने पर भारी-भरकम रिटर्न का झांसा दिया था। आरोपियों ने 14 माह में निवेश की गई राशि को दोगुना करने और हर सप्ताह राशि निवेशक के खाते में आने का आश्वासन दिया था। हजारों पीड़ितों से हजारों करोड़ रुपए ठगने के बाद आरोपी अंडरग्राउंड हो गए थे। हालांकि लुक आउट नोटिस जारी होने के चलते वे विदेश नहीं भाग सके। वहीं कुछ माह पूर्व पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

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