14 साल लगे यूडीए बनने में, 1000 हजार करोड़ को होगा सालाना बजट
उदयपुर, 25 जुलाई( ब्यूरो)। मुख्यमंत्री बजट घोषणा के एक साल बाद राजस्थान विधानसभा में पेश उदयपुर विकास प्राधिकरण विधेयक के बाद उदयपुर नगर विकास प्रन्यास प्रमोट होकर यूडीए यानी उदयपुर विकास प्राधिकरण बन गया। जिसमें उदयपुर के करीबी 286 गांव शामिल हो जाएंगे। इसका बजट 300 करोड़ से बढ़कर अब 1000 करोड़ हो जाएगा।
इसी के साथ अब यूआईटी उदयपुर का चेहरा भी बदल जाएगा। जयपुर, जोधपुर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर यहां कामकाज शुरू होगा। आयुक्त पद पर अब वरिष्ठ आरएएस की जगह वरिष्ठ आईएएस की नियुक्ति होगी।
सचिव के अलावा अब जोनवार दो से अधिक उपायुक्तों को लगाया जाएगा। चर्चा है कि उदयपुर को चार दिशाओं के आधार पर चार जोनों में बांटा जाएगा। प्राधिकरण में योजना, विधि, इंजीनियरिंग तथा वित्त विभाग जैसे अहम विभाग अलग—अलग संचालित होंगे। यूआईटी के दायरे में शामिल 136 गांवों की जगह अब 286 तक फैल जाएगा।
14 साल पुरानी मुराद हुई पूरी
उदयपुर विकास प्रन्यास के उदयपुर विकास प्राधिकरण में प्रमोट से चौदह साल पुरानी मुराद पूरी हुई है। साल 2006-08 में तत्कालीन यूआईटी चेयरमैन शिवकिशोर सनाढ्य (दिवंगत) के समय यूडीए गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।
136 राजस्व गांवों में बढ़ेंगी मूलभूत सुविधाएं
यूआईटी अरबन इंप्रूवमेंट एक्ट 1959 के तहत काम करती है। अधिकार सीमित होने से यूआईटी चाहकर भी कई काम नहीं कर पाती। फिलहाल यूआईटी क्षेत्र में 136 गांव शामिल हैं, लेकिन पर्याप्त संसाधन और मैन पावर नहीं होने से काम समय पर नहीं हो पाते हैं। सभी कामों की मॉनिटरिंग सचिव को ही करनी होती है, जिससे काम प्रभावित होते हैं। प्रशासनिक ढांचा मजबूत होने से काम का दबाव कम होगा जिससे अधिक विकास कार्य हो सकेंगे। जोन बंटने से लोगों को यूआईटी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।