जयपुर, 22 जुलाई। पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त मानसिंह को दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने नाबालिग पीडिता के साथ दुष्कर्म किया है। यदि इसमें पीडिता की सहमति भी हो तो भी यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। नाबालिग पीडिता की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है। वहीं अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह सही है कि अभियुक्त और पीड़िता के पिता के बीच लेनदेन का विवाद चल रहा था, लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी लडकी की गरिमा को दांव पर लगाकर ऐसा घृणित आरोप नहीं लगा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने अदालत को बताया कि 16 अप्रैल, 2019 को पीडिता के भाई ने खोनागोरियान थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी नाबालिग बहन घर से बिना बताए कहीं चली गई है। ऐसे में उसकी तलाश की जाए। वहीं रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से कहा गया कि अभियुक्त उसे देर रात ऑटो में बैठाकर चौमूं ले गया था। यहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं अगले दिन अभियुक्त के माता-पिता के फोन करने पर अभियुक्त उसे घर के पास छोड़कर भाग गया था। दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से कहा गया कि पीडिता के पिता ने उससे रुपए उधार लिए थे। रुपए वापस देने के नाम पर उसने चेक दिया था, जो बाउंस हो गया। इसे लेकर उसने पीडिता के पिता के खिलाफ चेक अनादरण का मामला दर्ज कराया था। इसके चलते उसने उसके खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज करा दिया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है।
2023-07-22