जयपुर, 22 जुलाई। एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 ने कर्मचारी के फिक्सेशन का एरियर बनाने और उसकी ड्यूटी लगाने के बदले रिश्वत लेने वाले रोडवेज, सीकर के तत्कालीन प्रबंधक, वित्त रोहिताश मीणा को ढाई साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर चालीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि सीकर डिपो में तैनात कनिष्ठ लिपिक कमलेश कुमार ने 12 अक्टूबर, 2011 को एसीबी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि उसने अपने फिक्सेशन का एरियर बनाने और अपनी ड्यूटी केश शाखा में कराने के लिए अभियुक्त से मुलाकात की थी। अभियुक्त इस काम के बदले उससे रिश्वत मांग रहा है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 18 अक्टूबर को अभियुक्त को दस हजार रुपए के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। प्रकरण में रोडवेज के तत्कालीन एमडी मंजीत सिंह की ओर से 13 जून, 2012 को अभियोजन स्वीकृति देने के बाद एसीबी ने अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। ऐसे में अभियोजन पक्ष के पास साक्ष्य नहीं होने के चलते उसे दोषमुक्त किया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए अर्थदंड से दंडित किया है।
2023-07-22