अब तक इनको किया गया है सस्पेंड…
अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त आईएएस गिरधर
अजमेर में होटल कर्मचारियों से मारपीट के मामले में मंगलवार रात सरकार ने एक आईएएस गिरधर और आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई समेत 8 को निलंबित कर दिया। घटना हाईवे पर स्थित होटल मकराना राज की है। मामले में होटल मालिक की ओर से IPS अफसर और उनके दोस्तों सहित कुछ पुलिसकर्मियों पर डंडों से पीटने का आरोप लगाया था। मारपीट के दौरान दोनों अफसर नशे में थे।
मामला 11 जून की रात 2 बजे का था। इसका VIDEO मंगलवार को सामने आया है। वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने दोनों अफसरों को सस्पेंड किया। आईएएस गिरधर अजमेर डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त थे। उनके भी इस मामले में शामिल होने की चर्चा थी।
आईएएस और आईपीएस के साथ गेगल थाने के ASI रुपाराम, कॉन्स्टेबल गौतम, मुकेश यादव, टोंक के कॉन्स्टेबल मुकेश जाट और टोंक जिले में तहसील के कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद, टोंक पटवारी नरेंद्र सिंह दहिया को भी सस्पेंड किया है।
बताया जा रहा है कि टोंक निवासी कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, नागौर निवासी सुरेंद्र जाट, सीकर निवासी मुकेश जाटऔर टोंक पटवारी को पुलिस ने शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया था। इनको एसडीएम कोर्ट में पेश किया और जमानत भी मिल गई। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है।
नवगठित गंगापुर जिले के ओएसडी आईपीएस सुशील बिश्नोई
गेगल थाने के ASI रुपाराम, कॉन्स्टेबल गौतम और मुकेश यादव
टोंक के पुलिस कॉन्स्टेबल मुकेश जाट
टोंक जिले में तहसील के कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद
टोंक पटवारी नरेंद्र सिंह दहिया
इनको किया शांति भंग में गिरफ्तार
टोंक निवासी कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक हनुमान प्रसाद, नागौर निवासी सुरेंद्र जाट, सीकर निवासी टोंक SDM का गन मैन मुकेश जाट और टोंक पटवारी को पुलिस ने शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया था। इनको एसडीएम कोर्ट में पेश किया और जेल भेजा।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
होटल कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी। होटल मालिक महेंद्र सिंह के द्वारा सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करवाए गए थे। सीसीटीवी में आईपीएस सुशील बिश्नोई दोस्त के साथ ही वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी मारपीट करते दिखाई दे रहे थे।
कांग्रेस नेता शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता कहां जाए? राठौड़ ने अजमेर पुलिस कार्यप्रणाली में बदलाव लाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने व मामले में उचित कार्रवाई की मांग राज्य सरकार से की।