मेरी तो ताकत झटक गई, तुम श्मशान में ठिठोली करोगे- भाया

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– मंत्री भाया ने मुक्तिधाम पर घटित घटना पर जताया दुख

बारां 10 जून। राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा शुक्रवार को मुक्तिधाम पर घटित घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बड़ा आसान हो जाता है, किसी भी विषय की गंभीरता को समझे बिना अपनी निजी रुचि के अनुसार उसका मतलब निकालना और फिर जन साधारण में उसे प्रचारित करना। फिर चाहे जमीनी तथ्य का कही जा रही बातों से रत्तीभर मिलान नहीं हो रहा हो, लेकिन जूठन और बाजारू झूठ की संगत करना भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे आसान होमवर्क हो गया, खासकर बारां में।
मंत्री भाया ने कहा कि सियासत की घिनौनी प्रैक्टिस में बीजेपी ने अब तो सांसारिक जीवन की अंतिम दहलीज श्मशान तक को नहीं छोड़ा, जबकि बारां के मुक्तिधाम पर काफी भीड़ थी। कांग्रेस पार्टी ने मजबूत और सुघड़ नेता खो दिया और मेरे पारिवारिक कुनबे से तो एक बड़ी एसेट ही चली गई। उन्होनें कहा कि मुद्दा संवेदनशील है, इसलिए आगाह कर देना चाहूँगा बीजेपी को कि हमारे घर आँगन में अचानक आ पड़े दर्द की आँच से अपना कुछ भी पकाने की गुस्ताखी नहीं करे, क्योंकि आज की नियत से किया काम ही अपने लिए कल की नियति का महल सजाएगा।

हत्या पर सियासत के भूँगड़े सेकने का प्रयास किया तो बख्शा नहीं जाएगा –
राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि दिवंगत गौरव शर्मा को गोली मार दीए जाने की घटना के ठीक बाद से कुछ खुरापाती मेरी साख को बिगाड़ने और जिला कांग्रेस पार्टी को परस्पर अंर्तद्वंद में उलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कभी सफल नहीं होगी। कांग्रेस ने अपना एक शानदार युवा नेता खोया है। हमलावर जानते थे कि वह गोली मारने जैसा संगीन अपराध कर रहे हैं, जिसके लिए प्रयुक्त हथियार इन्होंने वर्ष 2013 में ही खरीद लिया था, जब सरकार बीजेपी की थी। इसलिए यह मत कहिए की अवैध हथियार अभी खरीदा गया है और यह भी प्रचारित मत करिए की एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने ही दूसरे कांग्रेस कार्यकर्ता को मार दिया। भूलना मत चतुराई वाली सियासत हमेशा धुल चाटती रही है। भाया ने कहा कि अपराध और अपराधी का कोई धर्म, जाति या पार्टी नहीं होती। उसकी रुचि ही उसके कर्म का निर्धारण करती है। याद कर लीजिए जब प्रदेश में श्रीमती वसुंधराराजे मुख्यमंत्री थी और उनके सुपुत्र दुष्यंत सिंह सांसद थे तब 01 अप्रेल 2005 को बीजेपी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता द्वारका प्रसाद उर्फ रामेराम की दूसरे बीजेपी कार्यकर्ता दुर्गाशंकर ने हत्या कर दी थी। बारां के बीजेपी कार्यकर्ताओं को यह बात भी पल्ले गाँठ कर लेनी चाहिए की ताश के पत्तों से राज नहीं मिला करते। तुम तो बड़ों की मौजूदगी तक का लिहाज नहीं रखते। दुष्यंतसिंह आपके साथ आए जिन लोगों द्वारा जीवन का अन्तिम पवित्र आश्रय स्थल कहे जाने वाले मुक्तिधाम पर गौरव शर्मा की मौत पर राजनीति की यह वही लोग है जिन्होनें कुछ दिन पहले जिला प्रमुख चुनाव के दौरान आपके कार्यालय पर पथराव किया था। इनका कोई दीन-ईमान नही है।
तथ्यों से अलग चलकर यदि किसी भी रूप में हमारे पार्टी नेता गौरव शर्मा की हत्या पर सियासत के भूँगड़े सेकने का प्रयास बीजेपी की ओर से किया गया तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा।

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