दुर्घटना मे अबोध बालिका की मृत्यु होने पर 5,30,000/-रूपयें क्षतिपुर्ती राशि दिलाये जाने का आदेश

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चित्तौड़गढ
मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण चित्तौडगढ के पीठासीन अधिकारी ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में पूजा गाडी लौहार की सडक दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के परिजनो को 5,30,000/-रूपये नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से मय ब्याज के दिलाये जाने का आदेश दिया।
मृतका पूजा गाडी लौहार के परिजनो ने अधिवक्ता महेन्द्र कुमार पोखरना के माध्यम से मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण चित्तौडगढ मे एक क्लेम प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि मृतका पूजा गाडी लौहार 07 अप्रैल 2018 को शाम के करीब 6 बजें अपने घर के बाहर सावधानी पूर्वक अपनी सही दिशा मे सडक के किनारे खडी थी कि एक मोटरसाईकिल (नम्बर आरजे 27 टीसी 0468) को उसका चालक तेज गति से चला कर लाया ओर पूजा गाडी लौहार के टक्कर मार दी जिससे उसकी दौराने ईलाज मृत्यु हो गई।

बीमा कंम्पनी के अधिवक्ता का कथन था की उक्त दुर्घटना स्वयं मृतका पुजा गाडी लोहार की गलती से घटित हुई थी क्योंकि वह दौडकर सडक पार कर रही थी जिससे स्वयं ही मोटरसाईकिल से जा टकराई एवं उक्त मोटरसाईकिल चालक की गलती से दुर्घटना घटित नही हुई थी एवं मोटरसाईकिल चालक के पास दुर्घटना दिनांक को मोटरसाईकिल चलाने का वैध एवं प्रभावी ड्राईविंग लाईसेन्स नही था। जिस कारण बीमा कम्पनी क्षतिपुर्ती अदायगी हेतु उत्तरदायी नही है। न्यायालय ने अधिवक्ता महेन्द्र कुमार पोखरना, पंकज चौधरी, रितु जैन के तर्को से सहमत होते हुए आदेश दिया कि बीमा कम्पनी सर्वप्रथम दो माह के भीतर 5,30,000/- रूपये की क्षतिपूर्ति राशि मय ब्याज के मृतका के वारीसान को अदा करे। उसके पश्चात बीमा कम्पनी प्रार्थीगण को अदा की गई क्षतिपूर्ति राशि वाहन चालक व वाहन स्वामी से वसुल कर सकेगी।

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