6 मंत्रियों व बार एसोसिएशन की बैठक :15 को आएगा वकीलों की सुरक्षा का बिल, कार्य बहिष्कार पर फैसला आज

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एडवोकेट्स प्रोटेक्शन बिल को लेकर राज्य सरकार और वकीलों में सहमति बन गई है। अब सरकार 15 मार्च को यह बिल विधानसभा में पेश करेगी। 20 मार्च तक बीएसी का शेड्यूल होने के चलते 21 मार्च को कमेटी की मंजूरी के बाद बिल पारित किया जाएगा।

गुरुवार को सचिवालय में विधि व संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल सहित 6 मंत्रियों और बार एसोसिएशनों के पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी, प्रतापसिंह खाचरियावास मौजूद थे, जबकि धारीवाल, लालचंद कटारिया, रामलाल जाट और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुभाष गर्ग वीसी के जरिए जुड़े। संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि इस निर्णय को शुक्रवार को संघर्ष समिति की बैठक में रखेंगे। इसके बाद न्यायिक कार्य बहिष्कार को स्थगित या वापस लेने को लेकर फैसला लिया जाएगा।

धारीवाल बोले- सरकार एक्ट लागू करेगी

धारीवाल ने कहा- एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की सरकार की मंशा पहले भी थी और अब भी है। सरकार ने 2021 में बीसीआर को बिल भेजकर सुझाव मांगे थे। बार प्रतिनिधियों ने कहा- बिल पर विचार कर पहले ही सरकार को लौटा दिया गया है। ऐसे में सरकार मौजूदा एडवोकेट्स प्रोटेक्शन बिल को ही पारित करा दे।

बीसीआर के तत्कालीन चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी ने 22 जनवरी 2020 को राज्य सरकार को पत्र भेजकर एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की बात कही थी। सरकार भी 2021 में एक्ट लागू करना चाहती थी। वकील 20 फरवरी से न्यायिक कार्य बहिष्कार पर हैं।

बैठक में प्रमुख विधि सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता, विधि सचिव अनुपमा बिजलानी और एजी के प्रतिनिधि एएजी डॉ. विभूतिभूषण शर्मा भी मौजूद थे। वकीलों की ओर से दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा, महासचिव मनाेज कुमार शर्मा, एडवोकेट बार एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रणजीत जोशी, लॉयर्स बार एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष रवि भंसाली, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के महासचिव बलराम वशिष्ठ व दी डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक शर्मा व महासचिव गजराज सिंह राजावत ने हिस्सा लिया।

हाईकोर्ट ने बार को नोटिस भेजा
हाईकोर्ट ने न्यायिक कार्य बहिष्कार पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर गुुरुवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जोधपुर व जयपुर सहित अन्य बार एसोसिएशनों को नोटिस जारी किया। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस विजय बिश्नोई ने 21 मार्च तक जवाब मांगा है।

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