कलेक्टर-एसपी थे, अब चुनाव लड़ेंगे!

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ख्य सचिव थे आर्य, पहले पत्नी चुनाव लड़ी, अब खुद मांग रहे टिकट

राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की सबसे बड़ी कुर्सी (मुख्य सचिव) पर दो वर्ष तक पदस्थ रहने के बाद फरवरी-2022 में रिटायर हुए निरंजन आर्य वर्तमान में सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार हैं। वह इन दिनोंं सोजत (पाली) में राजनीतिक और सामाजिक रूप से काफी सक्रिय हैं। वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। इसी सीट से उनकी पत्नी संगीता आर्य कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं। संगीता वर्तमान में आरपीएससी (अजमेर) में सदस्य हैं। अब सोजत से निरंजन आर्य चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

कलेक्टर रहते जेल गए पहाड़िया, भाजपा से लड़ना चाहते हैं चुनाव

अलवर जिले के कलेक्टर रहते आईएएस अफसर नन्नुमल पहाड़िया को 23 अप्रैल-2023 को एसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें जेल भी जाना पड़ा। हाल ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अभियोजन स्वीकृति भी दे दी। इसी बीच उन्होंने जुलाई-2023 में दिल्ली में भाजपा के राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की।

पहाड़िया ने भास्कर को बताया कि वह सिंह और शेखावत से मिलने के बाद अब भाजपा जॉइन कर चुके हैं। वह करौली, धौलपुर और सवाई माधोपुर में कलेक्टर रह चुके हैं। वह भरतपुर की वैर सीट चुनाव लड़ना चाहते हैं।

पूर्व आईएएस चंद्रमोहन मीणा बस्सी से लड़ सकते हैं चुनाव

राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) और राजस्व बोर्ड के चेयरमैन जैसे शीर्ष पदों पर रहे रिटायर्ड आईएएस चंद्रमोहन मीणा हाल ही भाजपा में शामिल हुए हैं। मीणा को पार्टी ने हाथों-हाथ प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में सह-संयोजक भी बना दिया। यह समिति पूर्व राज्य सभा सांसद नारायण पंचारिया की अध्यक्षता में गठित है। मीणा बस्सी (जयपुर) से विधायक का चुनाव लड़ सकते हैं। बस्सी पिछले 4 चुनावों से भाजपा के लिए एक कठिन सीट बनी हुई है।

जयपुर के कलेक्टर थे यादव, जमीन पर बैठकर मांगा मुंडावर से टिकट

26 दिसंबर-2018 को सीएम अशोक गहलोत ने जगरूप यादव को जयपुर का कलेक्टर नियुक्त किया था। आरएएस से प्रमोट होकर आईएएस बने यादव के कॅरियर की यह सबसे बड़ी पोस्ट थी। वह जयपुर में काफी मशहूर भी हुए। दो साल कलेक्टर रहने के बाद यादव अब रिटायरमेंट का जीवन बिता रहे हैं। अब वह मुंडावर (अलवर) से कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं। हाल ही अलवर में कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की मीटिंग में मंच पर रामगढ़ (अलवर) की विधायक साफिया जुबेर मौजूद थी। सामने आम कार्यकर्ता जमीन पर बैठे थे। उनके बीच रिटायर्ड आईएएस यादव भी बैठे थे।

यादव ने बताया कि उन्हें जन सेवा का तीन दशक का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह अब राजनीति के जरिए जनता की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने टिकट के लिए भी दावेदारी पेश कर दी है। यादव का कहना है कि उनकी विचारधारा शुरू से ही कांग्रेस से जुड़ी रही है। छात्र जीवन में वर्ष 1978 में कांग्रेस के लिए एक आंदोलन के दौरान जेल भी गए थे।

रिटायर्ड IPS भारद्वाज 10 साल से कर रहे टिकट की कोशिश

आईपीएस से वीआरएस लेकर राजनीति में उतरे डॉ. महेश भारद्वाज ने 24 अगस्त को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। भारद्वाज ने भास्कर को बताया कि उन्होंने 2014 और 2019 में भी अलवर लोकसभा से बीजेपी का टिकट मांगा था। जातिगत समीकरणों के कारण टिकट नहीं मिला था। भारद्वाज अलवर शहर, रामगढ़, बानसूर और थानागाजी विधानसभा सीट से दावेदारी पेश कर रहे हैं।
रिटायर्ड IPS शर्मा निकाल रहे कांग्रेस की विजय संकल्प यात्रा

हरिप्रसाद शर्मा आरपीएस से प्रमोट होकर आईपीएस बने। जयपुर ग्रामीण, अजमेर, नागौर, उदयपुर व बीकानेर जैसे बड़े जिलों के एसपी रहे। रिटायर होने के बाद पिछले चुनावों (2018) में फुलेरा से कांग्रेस का टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला। उसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड का चेयरमैन बना दिया। उनका कार्यकाल समाप्त होने में अभी लगभग तीन महीने का समय शेष था, लेकिन उन्होंने समय से पहले ही इस्तीफा दे दिया। वे अब फुलेरा क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं और कांग्रेस की विजय संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं।

शर्मा ने भास्कर को बताया कि फुलेरा सीट कांग्रेस पिछले चार चुनावों से लगातार हार रही है। अगर कांग्रेस यहां से मुझे टिकट देती है तो मेरा दावा है कि पार्टी को जीत मिलेगी। मैं मूलत: इसी क्षेत्र का नागरिक हूं। बतौर पुलिस अफसर मैंने यहां की समस्याओं को नजदीक से देखा है। मैं एक विधायक के रूप में उनका निदान करने की पूरी कोशिश करूंगा।

ये रिटायर्ड अफसर भी टिकट की कतार में

आरपीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल गोठवाल चाकसू (जयपुर), रिटायर्ड आईपीएस सतवीर सिंह अलवर जिले की किसी सुरक्षित सीट से, रिटायर्ड आईपीएस विजय सिंह झाला बिलाड़ा (जोधपुर) से, रिटायर्ड आईएएस लालचंद असवाल बगरू (जयपुर) से टिकट की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा रिटायर्ड आईपीएस महेंद्र चौधरी बाड़मेर से, रिटायर्ड आईएएस हनुमान सिंह भाटी पुष्कर से, रिटायर्ड आईपीएस मदन गोपाल मेघवाल बीकानेर से, रिटायर्ड आईएएस ओपी सैनी अलवर व भरतपुर से रिटायर्ड आईपीएस मदन लाल शर्मा अलवर से, रिटायर्ड आईएएस के. सी. वर्मा निवाई (टोंक) से चुनाव लड़ने के लिए प्रयासरत हैं।

RPSC के पूर्व चेयरमैन नागौर से लड़ सकते हैं सांसद का चुनाव

पूर्व आईएएस व आरपीएससी के चेयरमैन रह चुके सी. आर. चौधरी को भाजपा एक बार फिर से नागौर से सांसद का चुनाव लड़वा सकती है। चौधरी वर्ष 2014 से 2019 के बीच भाजपा के टिकट से नागौर के सांसद रहे हैं। वर्ष 2019 में भाजपा और रालोपा के बीच गठबंधन होने से नागौर में भाजपा ने कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। रालोपा के हनुमान बेनीवाल को भाजपा ने समर्थन दिया था। डेढ़ वर्ष पहले रालोपा और भाजपा का गठबंधन किसान आंदोलन के दौरान खत्म हो चुका है।

हाल ही पीएम नरेंद्र मोदी की सीकर और बीकानेर की यात्रा में सी. आर. चौधरी मंच पर मौजूद थे और अब उन्हें गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) से निकलने वाली भाजपा की चौथी यात्रा का सह-संयोजक भी बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि चौधरी अगले लोकसभा चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं।

पिता विधायक और मंत्री रहे, अब बेटे ने IPS से रिटायरमेंट के बाद जॉइन की भाजपा

रिटायर्ड आईपीएस अफसर जसवंत संपतराम ने जुलाई-2023 में भाजपा जॉइन कर ली । उनके पिता संपतराम राजस्थान में छह बार विधायक रहे हैं। इस दौरान वे मोहन लाल सुखाड़िया और भैरों सिंह शेखावत की सरकारों में मंत्री भी रहे। जसवंत के भाई अशोक संपतराम भी राजस्थान कैडर में आईएएस रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जसवंत संपतराम भाजपा की तरफ से भरतपुर, करौली-धौलपुर या श्रीगंगानगर की सीटों से सांसद का चुनाव लड़ सकते हैं।

ये अफसर भी रिटायरमेंट के बाद भाजपा से जुड़े

रिटायर्ड आईएएस सत्यपाल सिंह, मनोज शर्मा और पी. आर. मीणा ने भाजपा जॉइन कर ली है। इनके अलाव रिटायर्ड आईपीएस गोपाल मीणा और रामदेव सिंह खैरवा भी भाजपा में शामिल हो गए हैं।

गृह मंत्री शाह ने रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स से उदयपुर में लिया था फीडबैक

30 जून को उदयपुर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदिवासी समुदाय के कुछ रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स से गहलोत सरकार व भाजपा की आगामी चुनावी रणनीति के बारे में फीडबैक भी लिया था। इस बैठक में पहले गृह मंत्री शाह ने उनके सामने अपनी बात रखी और फिर सभी से 5-10 मिनट अलग-अलग बात भी की।

बैठक में सामने आया कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत द्वारा 500 रुपए में लोगों को सस्ता सिलेंडर देने सहित 100 यूनिट फ्री बिजली और चिरंजीवी जैसी योजनाएं चुनाव में बड़ा इंपैक्ट डालेंगी। इस दौरान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी मौजूद थे।

गृह मंत्री शाह ने केंद्र की भाजपा सरकार की आदिवासियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और वर्ष 2023 में राजस्थान में व 2024 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिए उनसे सुझाव मांगे। शाह ने राजस्थान में चल रही गहलोत सरकार की विभिन्न योजनाओं से जनता को मिल रहे फायदे का अनुमान भी लगाया।

ये नेताजी भी कभी अफसर थे

राजस्थान की मौजूदा विधानसभा में चार रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स हरीश मीना, ओमप्रकाश हुड़ला, जे. पी. चंदेलिया और लक्ष्मण मीणा विधायक बने हुए हैं। उनके अलावा बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल भी रिटायर्ड आईएएस हैं, जो केंद्र में संस्कृति मामलात मंत्री भी हैं। उनके अलावा मूलत: राजस्थान के रहने वाले और वर्तमान में ओडिशा से राज्य सभा सांसद अश्विनी वैष्णव भी रिटायर्ड आईएएस हैं।

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