भरतपुर पुलिस की कस्टडी में अस्पताल के अंदर बैठी वीरांगना सुंदरी और देवर विक्रम।
भरतपुर के नगर थाना इलाके के रहने वाले शहीद जीतराम गुर्जर के परिवार को नगर अस्पताल में जबरन भर्ती करवा दिया गया है। अस्पताल के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है, किसी को शहीद के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा। सुबह करीब 5 बजे शहीद की पत्नी, देवर और बड़ी बेटी को पुलिस उठा लाई और अस्पताल में जबरन बैठा दिया गया। जबकि देवर विक्रम का कहना है कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है, उन्हें जबरन अस्पताल में भर्ती किया गया है।
जयपुर में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बंगले के बाहर तीन वीरांगनाएं धरना दे रहीं थी। तीनों वीरांगनाओं का रातों रात धरना खत्म कर उन्हें घर पहुंचा दिया गया। तीनों को एम्बुलेंस से घर पहुंचाया गया। घर पहुंचने के बाद सुबह पुलिसकर्मी वीरांगना सुंदरी के घर सुन्दरावली गांव पहुंचे। उन्हें नगर लाने की बात कहकर अस्पताल ले आए। जिसके बाद अस्पताल के बाहर काफी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई। किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं दी जा रही। पुलिस वीरांगना सुंदरी, देवर विक्रम और बड़ी बेटी सुमन को लेकर आई।
विक्रम का कहना है कि उनके भाई जीतराम गुर्जर के शहीद होने के बाद उन्हें 50 लाख की आर्थिक सहायता तो मिल गई। उनकी दो मांग और थी, एक तो नगर के सरकारी कॉलेज का नाम शहीद भाई के नाम पर रखा जाए और उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए।
कॉलेज के नाम बदलने की फाइल अभी प्रोसेस में है, लेकिन उन्हें अभी तक सरकारी नौकरी देने का कोई भी आश्वासन नहीं मिला है, इसके लिए जयपुर में धरना दिया जा रहा था।