मुख्यमंत्री गहलोत पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र ने किया मानहानि का दावा: CM बोले- घपलेबाज को मिनिस्टर बनाया

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गजेंद्र ने कहा- मेरी दिवंगत मां को अभियुक्त बताया

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा किया है। शेखावत शनिवार दोपहर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे और दावा पत्र पेश किया। केंद्रीय मंत्री ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में की गई बयानबाजी को केस का आधार बनाया है।

दरअसल, गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह के मां-बाप, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है।

वहीं, इस मामले में गहलोत ने भी गजेंद्र सिंह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा- अफसोस ऐसे घपलेबाज को पीएम ने मंत्री बना रखा है। यह कैसे मंत्री रह सकता है?

संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह पर गहलोत लंबे समय से आरोप लगा रहे हैं। गहलोत गजेंद्र सिंह पर सरकार गिराने के षड़यंत्र के मुख्य किरदार होने के आरोप भी लगाते रहे हैं। सीएम गहलोत के खिलाफ मानहानि केस को राजस्थान की सियासत में विवाद की प्रमुख कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी घोटाले में खुद को बेकसूर बताते हुए सीएम गहलोत पर राजनीतिक दुश्मनी से बयान देने के आरोप लगाते रहे हैं।

गहलोत बोले- मानहानि केस का स्वागत है, यह घोटाला तो चर्चा में आएगा
मानहानि केस को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने भी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि- ऐसे घपलेबाज को आप अपने मंत्रिमंडल में कैसे रख सकते हैं। यह तो सब कागजों में है कि घपला हुआ है। केंद्र सरकार ने लिक्विडेटर बैठा रखा है। संजीवनी घोटाले में पीड़ितों से बात तक नहीं करता। गहलोत ने कहा- गजेंद्र सिंह के मानहानि केस का स्वागत है। कम से कम इस बहाने केस आगे बढ़ेगा।

संजीवनी घोटाले में लाखों डुबा चुके गरीबों का भला होगा। वो पैसा कहां गया है। इथोपिया में गया है। गबन हुआ है। उनके खुद के लोग जेल में बैठे हुए हैं।

वो गजेंद्र सिंह खुद मुल्जिम है, उनकी पत्नी, साले, उनके पिताजी का नाम है। उनकी माताजी का देहांत हो गया, उनका नाम है। यह हकीकत है। इन्हें शर्म आनी चाहिए कि मंत्री बनने के बाद जिम्मेदारी बढ़ जाती है, तो आगे बढ़कर बात करते। संजीवनी के लोग जेलों में बैठे हैं। ईडी ही संजीवनी की प्रॉपर्टी जब्त कर सकती है, अगर हमें अधिकार होता तो कब की प्रॉपर्टी जब्त करके पीड़ितों का चुका देते।

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