पंकज कुमार ने संभाला डीआरएम का कार्यभार

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जोधपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल में नए मंडल रेल प्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने गुरुवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके पूर्व इन्होंने उत्तर रेलवे के परिचालन, कोच रखरखाव, लोको ऑपरेशन, लोको मेंटेनेंस, कोच डिजाइनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि विभिन्न उत्तरदायित्वों पदों का निर्वहन कुशलतापूर्वक किया हैं।
सिंह 1992 बैच के रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारी हैं। इन्होंने मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग डिग्री करने के बाद आईआईटी दिल्ली से मास्टर डिग्री हासिल की और सीएमसी लिमिटेड में बतौर कंप्यूटर इंजीनियर की नौकरी शुरू की। जोधपुर रेल मंडल के नए डीआरएम पंकज कुमार सिंह पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में गीतिका पाण्डेय भी शामिल हुए। इससे पहले दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई। अपर मंडल रेल प्रबंधक मनोज जैन एवं मुख्य परियोजना प्रबंधक मनोज गुप्ता ने गीतिका पाण्डेय का पुष्पगुच्छ व साफा पहनाकर स्वागत किया। इसके साथ ही दोनों अपर मंडल रेल प्रबंधक द्वारा नए डीआरएम को भी माला व साफा पहनाकर स्वागत किया।
नए डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यह मेरा जोधपुर आने का पहला सौभाग्य रहा है और जोधपुर मंडल पर संरक्षा और सुरक्षा पर फोकस किया जाएगा तथा यात्री सुविधाओं पर विशेष नजर रहेगी। इसके साथ ही मंडल पर चल रहे डेवलपमेंट कार्यों को और तीव्र गति से बढ़ाते हुए कार्यों का निष्पादन किया जाएगा।
मंडल में आयोजित सभागार कक्ष में विदाई समारोह के दौरान गीतिका पाण्डेय ने कहा कि मंडल रेल प्रबंधक, जोधपुर के पद पर कार्य करते हुए लगभग ढाई साल के सफल व यादगार कार्यकाल को पूर्ण करने की मुझे हार्दिक प्रसन्नता है। इसकी सफलता का श्रेय मैं अपने सभी रेल यात्रियों, रेल उपभोक्ताओं, रेल कर्मियों और रेलवे से जुड़े सभी आमजन को देती हूं। आपके द्वारा समय-समय पर दिए गए कीमती सुझावों पर रेल प्रशासन ने कार्य कर, यात्री संतुष्टि के लक्ष्य को हासिल किया है। मेरी आप सभी से अपील है कि एक नई व स्वच्छ रेल बनाने में आप रेल प्रशासन को अपना निरंतर सहयोग प्रदान करते रहेंगे
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के दौर में रेलवे का सफल संचालन किया। रेलकर्मियों के लिए चौबीस घंटे मोबाइल ऑन करके रखते थे। संक्रमण के दौरान खुद रेलकर्मियों की काउंसलिंग की। संक्रमित रेलकर्मियों के लिए अस्पतालों से आधी रात को समन्वय स्थापित कर इलाज कराने में मदद की है। उनके नाम मृतक रेलकर्मियों के परिजनों को सबसे कम समय में अनुकंपा नियुक्तियां देने का रिकार्ड है। मंडल के दोहरीकरण रेल लाइन व रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण के कामों में अभूतपूर्व प्रगति के लिए भी अव्वल रहे हैं।

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