दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी को एक आदेश जारी किया, जिसमें लिखा था कि निजी बाइक का कॉमर्शियल यूज नहीं किया जा सकेगा, अगर कोई ऐसा करते पाया गया तो 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
इस आदेश से दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने वाले 80 हजार से 1 लाख लोगों की हालत खराब हो गई। वे कहते हैं कि खाने तक का पैसा नहीं है। बच्चे भूखे रोते हैं, ऐसे में कुछ सही गलत नहीं दिखता।
ये सर्विस इस्तेमाल करने वाले लोग भी परेशान हैं। इसकी दो वजहें है- पहली बाइक टैक्सी ऑटो या कैब के मुकाबले बहुत सस्ती होती है। इनका किराया कैब से एक चौथाई और ऑटो से लगभग आधा होता था। दूसरी कि दिल्ली के जाम में ये कम समय में मंजिल तक पहुंचा देती थीं।