जयपुर। यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर द्वारा आयोजित तीसरे यूटीए लघु नाट्य समारोह 2023 का का समापन नाटक मुक्ति के मंचन से हुआ।
यूटीए अध्यक्ष एवं कार्यक्रम निदेशक केशव गुप्ता ने बताया कि कला संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार के सहयोग से रवीन्द्र मंच के मिनी थियेटर में चल रहे दो दिवसीय लघु नाट्य समारोह का समापन नाटक मुक्ति के मंचन से किया गया।
रविवार को जयपुर में क्रमशः दो नाटकों इस रात की सुबह नही एवं मुक्ति का मंचन किया गया।
वरिष्ठ रंगकर्मी, नाटककार एवं शायर आनन्द वि. आचार्य द्वारा लिखित इस रात की सुबह नही नाटक की पूरी कहानी एक इंसपेक्टर की मानसिक दशा के इर्द गिर्द घूमती है। नाटक में विजय नाम का इंसपेक्टर राजनैतिक भंवर जाल में फंस जाता है और उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। इस घटना से उत्पन्न उसके अन्दर चल रहे कोलाहल को अभिनेता अशोक जोशी ने संजीदगी से प्रस्तुत किया। संकल्प नाट्य समिति, बीकानेर द्वारा प्रस्तुत इस नाटक का लेखन एवं निर्देशन आनन्द वि. आचार्य ने किया है।नाटक में मुख्य भूमिका अशोक जोशी ने निभाई। मंच पार्श्व में संगीत-अविनाश जोशी, रिमिक सरकार, प्रकाश व्यवस्था-कुशल शर्मा, मंचसज्जा-रवि शर्मा, स्मृति सत्यानी, मंच सामग्री-मोहित मारू की थी।
रविवार के दूसरे नाटक मुक्ति की कहानी एक ऐसे परिवार की थी जिसमें एक पिता अपने इकलौते बच्चे के भविष्य को बनाने हेतु छोटी उम्र में ही पढ़ने के लिए बाहर भेज देता है और फिर जीवन भर उसके आने के इन्तज़ार में माँ-बाप तड़पते रहते है। उधर उनका बेटा पढ़ाई होने तक तो उनसे सम्पर्क में रहता है फिर अचानक उसके फोन आना बन्द हो जाते है। वहीं बच्चा भटक कर जब अपने घर वापस आता है तो बाप-बेटे के बीच द्वन्दात्मक वार्तालाप शुरू होती है। दोनों ही इस घटनाक्रम के तथ्यों को अपने-अपने अनुसार व्यक्त करते है। बेटा अपनी गलतियों का अहसास मां बाप को कराना चाहता है लेकिन नाटक का घटनक्रम उसे कहने का मौका दे उससे पहले ही उसके माता-पिता की मृत्यु हो जाती है। कलाकारों के सशक्त अभिनय ने दर्शकों की आँखे नाम कर दी। यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर द्वारा प्रस्तुत इस नाटक में मालिक-अर्जुन देव, राहुल आवाज़-गीतिका गुप्ता, चोर-अमन कुमार एवं शान्ति की भूमिका रिया सैनी ने निभाई। मंच पार्श्व में लाइट-केशव गुप्ता, पार्श्व संगीत-प्रवीण कुमावत, रूपसज्जा-असलम पठान, मंचसज्जा-विनय यादव, वस्त्र सज्जा-आशा गुप्ता, बैक स्टेज-चंद्रप्रताप सिंह एवं प्रस्तुति प्रबंधक-केशव गुप्ता का था। नाटक का लेखन कैलाश सोनी ने एवं निर्देशन सीमा गुप्ता ने किया।